बीमारी बीवी का इलाज करवाने के लिए पंजाब से निकला तो हरियाणा-यूपी बार्डर पर पुलिस ने पास देखे बिना भेजा वापिस, बीवी की हुई मौत - Punjab Kesari
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बीमारी बीवी का इलाज करवाने के लिए पंजाब से निकला तो हरियाणा-यूपी बार्डर पर पुलिस ने पास देखे बिना भेजा वापिस, बीवी की हुई मौत

पंजाब में लोहा मंडी के नाम से विख्यात मंडी गोबिंद गढ़ का एक दिहाड़ीदार मजदूर सरकारी लॉकडाउन कफर्यू

लुधियाना-मंडी गोबिंदगढ़ : पंजाब में लोहा मंडी के नाम से विख्यात मंडी गोबिंद गढ़ का एक दिहाड़ीदार मजदूर सरकारी लॉकडाउन कफर्यू पास बनाकर उत्तर प्रदेश में अपनी बीमारी बीवी का इलाज करवाने के लिए पंजाब से निकला तो हरियाणा-यूपी बार्डर पर पुलिस ने पास देखे बिना उसे धमकाकर वापिस भेज दिया। समय पर इलाज ना होने से उधर उसकी बीवी की मौत हो गई और जीवन संगिनी की मौत की खबर सुनते ही  उस मजदूर का रोरोकर बुरा हाल है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गोबिंदगढ़ के शांति नगर इलाके में किराए पर रहने वाले प्रवासी मजदूर मनोज कुमार जो मूल रूप से गांव चंद्रीका, मजोआ मुंडेरी महाराजगंज उत्तर प्रदेश का है और अपनी रोजीरोटी के लिए एक मिल में काम करता है। पिछले दिनों उसे अपने घर से फोन आया कि उसकी बीवी की तबीयत ठीक नहीं रहती, जिस पर वह जिला फतेहगढ़ साहिब से ऑनलाइन कफर्यू पास उसने अपलाई किया किंतु 3 बार रिजेक्ट होने के बाद बड़ी मुश्किल से उसका पास बना। जाने के लिए कोई बस और रेलगाड़ी व टैक्सी ना होने के कारण मनोज ने अपनी बीवी के  इलाज क े लिए 22 अप्रैल को अपनी साइकिल से यूपी जाने का निर्णय किया और सारी रात साइकिल चलाते हुए वह दूसरे दिन हरियाणा- यूपी के बार्डर पर छोटी नहर से निकलकर सहारनपुर के कैंची गेट नाके पर पहुंचा तो पुलिस ने उसे अपने इलाके में घुसने की इजाजत ना दी। जबकि मनोज के पास 24 अप्रैल 2020 की अवधि का पास था और पास अंग्रेजी में बना था, जिसपर इलाके के डीसी के हस्ताक्षर थे। अब पीडि़त मनोज ने पंजाब सरकार और प्रशासन से दुबारा पास रिनूअल पास मांगा है ताकि वह अपनी बीवी के संस्कार में पहुंच सकें। मनोज के मुताबिक यूपी में उसके बुजुर्ग मां-बाप के अतिरिक्त 2 बच्चे है। 
मंडी गोबिंद गढ़ के एक समाज सेवक ने काफी मुश्किलों के उपरांत मनोज का पास बनवाया था। मनोज के मुताबिक उसे समझ नहीं आ रहा कि उसे दुख की घड़ी में अपनों के पास जाने की इजाजत क्यों नहीं । बहरहाल बीवी की मौत की खबर के बाद उसका रो-रोकर बुरा हाल है।
 सुनीलराय कामरेड

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