लुधियाना-जालंधर : बुलंद हौसलों से सरहदों की रक्षा के लिए तैनात भारतीय जवानों को बाढ़ के प्रकोपों का सामना करना पड़ रहा है, इसके बावजूद उनकी दिनचर्या आम दिनों की तरह ही सरहदों पर दिखाई देती है। बीएसएफ के जवान प्रतिदिन पाकिस्तान की एक-एक हरकत की रिपोर्ट अपने उच्च अधिकारियों को निरंतर सौंप रहे है।
हालांकि इस रिपोर्ट की प्राप्ति के लिए उन्हें कई बार सरहदों पर लगे घने पेड़ों के झुरमटों और ओपी टॉवरों से दूरबीन के जरिए नजर टिकानी पड़ती है। बीएसएफ के जवान ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि पिछले दिनों सतलुज दरिया में आएं भाखड़ा डैम के पानी ने खेत-खलिहानों और आम जनता को भारी मुसीबतों में डाला है। इसी दौरान बाढ़ के प्रकोप के चलते देश के अन्न दाता किसानों की फसलों का काफी नुकसान हुआ है और आज उसी सतलुज दरिया के पानी ने मोर्चो में अपना कहर बरसाया हुआ है। चौबीसों घंटे बदबूदार पानी के साथ-साथ भारी मच्छरों से उन्हें हर वक्त जंग लडऩी पड़ती है।
पंजाब के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी कम होने के बावजूद स्थिति अब भी गंभीर और चिंताजनक बनी हुई है। कपूरथला के 80 गांवों में अभी भी पानी के स्तर में कमी नहीं आई। यहां बचाव व राहत कार्य जारी है। फिरोजपुर में सतलुज ने रौद्र रूप धारण कर रखा है। हालात यह हैं कि पाकिस्तान सीमा के पास सेना के बंकर भी डूब गए हैं। रूपनगर व नवांशहर में स्थिति सामान्य होने लगी है। यहां लोग घरों से कीचड़ निकालने में जुटे हैं। सतलुज से पाकिेस्तान की ओर 72 हजार क्यूसेक पानी छोडा गया है।
पाकिस्तान से भारत में प्रवेश कर रही सतलुज फिर से रौद्र रूप में दिखाई दे रही है। सेना के कई बंकर भी पानी में समा गएहैं। हरिके हेड से हुसैनीवाला हेड की ओर 1.13 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया, जबकि हुसैनीवाला हेड से पाकिस्तान को 72 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया। दरिया के जल-स्तर में इजाफा होने मक्खू, मल्लावाला, फिरोजपुर ब्लॉक के बाढ़ प्रभावित लोगों को चिंता सताने लगी है। छठे दिन भी फिरोजपुर से जालंधर रेलगाडिय़ों का परिचालन नहीं हुआ।
जालंधर के शाहकोट के गांव जानियां में धुस्सी बांध पर पड़ी 500 फीट की दरार भरने का काम तेजी से चल रहा है। सेना के कर्नल भारत भल्ला की निगरानी में 267 रेजिमेंट यूनिट को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। सेना के जवानों के साथ संत बलवीर सिंह सीचेवाल के वॉलंटियर योगदान दे रहे हैं। कपूरथला में संत सीचेवाल बाढ़ पीडि़तों से मिले और उन तक राहत व खाद्य सामग्री पहुंचाई।
– सुनीलराय कामरेड