पंजाब : बोरवेल से 109 घंटे बाद बाहर निकाले गए दो वर्षीय बच्चे की मौत - Punjab Kesari
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पंजाब : बोरवेल से 109 घंटे बाद बाहर निकाले गए दो वर्षीय बच्चे की मौत

पंजाब के संगरूर में 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो वर्षीय फतेहवीर सिंह को करीब 109 घंटे

पंजाब के संगरूर जिले में 150 फुट गहरे बोरवेल में गिरे दो वर्षीय फतेहवीर सिंह को करीब 109 घंटे बाद मंगलवार सुबह बाहर निकाला गया। बोरवेल से निकालने के बाद उसे पुलिस सुरक्षा के साथ अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फतेहवीर के स्वास्थ्य के संबंध में अभी तत्काल कोई जानकारी नहीं दी गई है। 

इसके अलावा बच्चे के दादा ने उसकी मौत होने का दावा किया है। बच्चे के दादा रोही सिंह ने घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों से सवालिया लहजे में कहा, “जब उसकी मौत हो चुकी है तो फिर उसे अस्पताल क्यों ले जाया गया?” उन्होंने दावा किया कि बच्चे के शरीर पर गंभीर जख्म थे। बोरवेल से उसे रस्सी का इस्तेमाल कर निकाला गया। फतेहवीर के पिता सुखमिंदर सिंह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

वही, संगरूर उपायुक्त घनश्याम ठोरी ने से कहा, “फतेहवीर को बोरवेल से निकाल लिया गया है और उसे एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया।” अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला। फतेहवीर को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए डॉक्टरों की एक टीम मौके पर ही मौजूद थी। वेंटिलेटर की सुविधा से युक्त एक एंबुलेंस भी वहां मौजूद थी। 
बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। फतेहवीर सिंह जिले के भगवानपुरा गांव में अपने घर के पास एक सूखे पड़े बोरवेल में गुरुवार शाम करीब चार बजे गिर गया था। बोरवेल कपड़े से ढका हुआ था इसलिए बच्चा दुर्घटनावश उसमें गिर गया। इसके बाद बच्चे को बाहर निकालने के लिए व्यापक स्तर पर एक बचाव अभियान चलाया गया। 
अधिकारी बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाने में तो सफल रहे लेकिन वे उस तक खाना-पीना नहीं पहुंचा पाए थे। बच्चे को बचाने के लिए बोरवेल के समांतर एक दूसरा बोरवेल खोदा गया था और उसमें कंक्रीट के बने 36 इंच व्यास के पाइप डाले गए थे। 
 मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जताया दुख 
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इस पर दुख व्यक्त किया है। अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, “युवा फतेहवीर की भयंकर मौत के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं वाहेगुरु से इस भारी नुकसान को सहन करने के लिए परिवार की ताकत को बढ़ाने की प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने बताया कि सभी डीसी से खुले बोरवेल के बारे में रिपोर्ट मांगी है, ताकि भविष्य में इस तरह की भयानक दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

इस घटना से कुरूक्षेत्र में 2006 में गिरे बच्चे प्रिंस को बचाए जाने की घटना की याद ताजा हो गई। प्रिंस को करीब 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाल लिया गया था। 

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