भारत-पाकिस्तान पंजाब सरहद से 15 करोड़ की हेरोइन समेत दो तस्कर काबू - Punjab Kesari
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भारत-पाकिस्तान पंजाब सरहद से 15 करोड़ की हेरोइन समेत दो तस्कर काबू

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लुधियाना-फिरोजपुर : पंजाब के सरहदी जिला फिरोजपुर में भारत -पाक अंतरास्ट्रीय सरहद से भारतीय इलाके में पहुंची नशे की खेप 3 किलो हेरोइन एवं 200 ग्राम अफीम समेत दो तस्करों को काउन्टर इंटेलिजेंस की टीम ने काबू करने में सफलता हासिल की है । यह कारवाही फिरोजपुर जिले के अंतर्गत आते भारत -पाक सरहद के कस्बा ममदोट के इलाके में काउन्टर इंटेलिजेंस की टीम ने खुफिया जानकारी व अपनी तहकीकात के बाद एक विशेष नाकेबन्दी के दौरान 2 भारतीय तस्करों से 3 किलो हेरोइन और 200 ग्राम अफीम निर्यात करके पकडे गए नशा तस्करों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि एक तस्कर भागने में कामयाब हो गया। पक ड़ी गई हेरोइन की कीमत अंतरास्ट्रीय मार्केट में 15 करोड़ के करीब आंकी जा रही है।

गौरतलब है की फिरोजपुर के कस्बा ममदोट के एरिया में अंतरास्ट्रीय बॉर्डर पर भरता-पाक सीमा रेखा पर स्थित बीएसएफ की चौकी मब्बोके से पाकिस्तान की तरफ से आई नशे की खेप को पहले से ही चौकन्नी हुई काउन्टर इंटेलिजेंस टीम ने तस्कर गुरनाम सिंह और मुखत्यार सिंह को काबू करके बरामद किया जिनसे 3 किलो हेरोइन और अभी जब्त की गई। काबू किये तस्करों से पूछताछ की जा रही है जिससे पता लगाया जा सके कि हेरोइन कहाँ जानी थी। वही इस बाबत काउन्टर इंटेलिजेंस के आधिकारियों ने बताया कि गुरनाम सिंह और मुखत्यार सिंह से 3 किलो हेरोइन और अफीम निर्यात हुई है जो पाकिस्तान साइड से भारत आई थी।उन्होंने कहा की पकडे गए तस्करों ने कटीली तार के उस पार भारतीय इलाके में खेती के लिए ठेके पर जमीन ले रखी थी जिसमे गाजर की खेती की हुई थी जहा पाकिस्तानी तस्करो द्वारा रात के समय नशे की खेप को छुपा दिया जाता था एआईजी नरिंदरपाल पल सिंह ने बताया की तस्करों ने जमीन इसी काम के लिए ली हुई थी जिसका इस्तेमाल नशे के कारोबार की डिलीवरी लेने के लिए किया जा रहा था उन्होंने बताया की पकडे गए तस्कर इसी जगह से पहले भी कई मर्तबा नशा भारतीय सिमा में दाखिल करवा चुके है।

वही एआईजी काउंटर इंटेलिजेंस ने प्रेस वार्ता में जहा अपनी टीम द्वारा पक ड़ी गयी नशे की खेप की पिछली बरामदगियो का जीकर किया वही बीएसएफ की मौजूदगी में पाकिस्तान से भारतीय सीमा में नशा पहुंचने और बीएसएफ की कारगुजारी पर उठ रहे सवाल पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए माना की इसमें कही न कही बीएसएफ की भी बड़ी नाकामी है वही उन्होंने यह भी बताया की तस्कर तस्करी के लिए अब मोबाईल फोन की बजाय व्हाट्स ऐप का इस्तेमाल करते हुए एक दूसरे से सम्पर्क करते है और अपने काम को अंजाम देते है।

प्राप्त जानकारी अनुसार की एकतरफ जहा पुलिस और काउंटर इंटेलिजेंस की टीम नशा तस्कर गिरोह के सभी सदस्यों की गिरफतारी के लिए पकडे गए दोनों तस्करों से पूछताछ में जुटी है तो वही दूसरी तरफ बीएसएफ के ऊपर यह सवाल उठना लाजमी बनता है की अगर बॉर्डर पर बीएसएफ की मुस्तैदी व तैनाती के बावजूद भी पडोसी मुल्क से नशे की खेप भारतीय सीमा में दाखिल हो रही है तो इससे यही लगता है की दाल में जरूर कुछ काला है जिसके बाद से जहा राज्य और केंद्र सर्कार को इस मसले को गंभीरता से लेना होगा तो वही दूसरी तरफ देश की सुलक्षा में तैनात बीएसएफ के आलाकमान को भी ऐसे मामलो पर गहराई से सोच विचारणा पड़ेगा ताकि भविष्य बीएसएफ जैसी सुरक्षा एजंसी पर सवाल न खड़ हो सके। अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

– सुनीलराय कामरेड

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