लुधियाना-अमृतसर : अमृतसर में विजय दशमी के पर्व पर घटित दर्दनाक रेल हादसे के पश्चात 5 दर्जन से अधिक मानवीय जिंदगियों की मौतों का जिम्मेदार कहे जाने वाले दशहरा आयोजक सौरभ उर्फ मिटठू मदान जो घटना के उपरांत फरार हो चुका है, ने सोशल मीडिया के जरिए एक वीडियो का सहारा लेते हुए अपना पक्ष रोते हुए रखते कहा कि उनके विरूद्ध एक गहरी साजिश के तहत आरोप लगाए जा रहे है।
उसने स्वयं को बेकसूर बताया और हाथ जोडक़र कहा कि दशहरा के दिन जोड़ा फाटक के पास जो रेल हादसा घटित हुआ, वह बहुत ही भयानक और दुखदायी है। उन्होंने कहा कि जिस कारण उनका रोम-रोम दुखी है और जो हालात पैदा हो गए थे, उन्हें बयान नहीं कर सकता।
सौरभ ने कहा कि उसने सभी को एकजुट करने के उददेश्य से दशहरे का आयोजन किया था। समस्त मंजूरी उन्होंने ली थी। घेरा भी बनाया था और किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़ी थी। मोके पर पुलिस कर्मचारी और फायर ब्रिगेड के पानी वाले टेंकर भी थे, जहां दशहरा मनाया जा रहा था। वह सीमा के अंदर एक मैदान में था ना कि रेलवे लाइनों पर। सौरभ ने कहा कि उसने जिस मैदान पर दशहरा मनाया, उस पर 10 फुट ऊंची दीवार है, लोग लाइन में खड़े थे कि अचानक ट्रेन आ गई, उसने कहा कि मेरा कसूर क्या है? कुछ लोग मेरे विरूद्ध व्यक्तिगत साजिश कर रहे है। वही उन्होंने ऐलान किया था कि लाइन पर ना खड़े हो।
सच नहीं है अमृतसर रेल हादसे के रेल चालक की मौत की खबर
सौरव मदान का वीडियो सामने आया और पूरी घटना पर रोते हुए सफाई दी। उसने यह भी कहा, यह तो कुदरत का कहर था, इसमें हमारा क्या दोष है। इस हादसे से मेरा और मेरे परिवार के लोगों का रोम-रोम दुखी है। जो हालत बन गए हैं उससे दिल बहुत दुख रहा है। मैं बता नहीं सकता मेरी क्या हालात है।
इस वीडियो से पहले दशहरा कमेटी ने दो पत्र जारी किए थे, इससे पहले इस भीषण हादसे में दशहरा कमेटी ने दो पत्र जारी किए थे। पहले पत्र में कमेटी ने पुलिस से सुरक्षा-व्यवस्था की मांग की थी। दूसरा पत्र पुलिस ने आयोजन कमेटी को लिखा, जिसमें दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी दी गई है लेकिन कुछ शर्तो के साथ।पर, आयोजकों ने इन शर्तो का पालन नहीं किया। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर दलजीत सिंह ने दशहरा कमेटी को दिए जवाब में कहा था कि पुलिस को दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर कोई आपत्ति नहीं हैं।
– सुनीलराय कामरेड