बेअदबी का सच सामने आने से बादल घबराकर कर रहे है षड्यंत्र - जत्थेदार मंड - Punjab Kesari
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बेअदबी का सच सामने आने से बादल घबराकर कर रहे है षड्यंत्र – जत्थेदार मंड

दो दिन बाद होने वाले पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान 3 साल पहले श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी

लुधियाना-बरगाड़ी : दो दिन बाद होने वाले पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान 3 साल पहले श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और पंजाब पुलिस द्वारा चलाई गई गोलीकांड से संबंधित जांच के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह बनाए गए जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट विवादों के घेरे में है। हालांकि बेअदबी मामले का गवाह ज्ञानी गुरमुख सिंह का भाई हिम्मत सिंह, अपने दिए गए बयानों से पलट चुका है।

सरबत खालसा के नियुक्त सिंह साहिबान भाई ध्यान सिंह मंड, भाई बलजीत सिंह दादूवाल और भाई अमरीक सिंह अजनाला ने जारी बयान में स्पष्ट कहा कि पंजाब सरकार जांच कमीशन रंजीत सिंह की रिपोर्ट सार्वजनिक करें और बरगाड़ी बहिबल कोटकपूरा कांड के लिए जांच में दोषी ठहराए गए कत्ल करने और करवाने वोल लोगों के ऊपर कार्यवाही करें लेकिन बादल इस इंसाफ में अडंगा डाल रहे है।

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उपरोक्त जत्थेदारों ने यह भी कहा कि बादलों ने सच्चा सौछा माफी नामे के अहम गवाह पूर्व जत्थेदार गुरूमुख सिंह और उसके भाई हिम्मत सिंह को एसजीपीसी की नौकरी पर बहाल इसी लिए किया है ताकि वे अपनी गवाही से मुकर जाए और इसी सौदेबाजी के तहत अब हिम्मत सिंह अपने बयानों से मुकर गया और झूठ बोल रहा है।

जत्थेदार दादूवाल ने कहा कि कभी भी गुरूमुख सिंह और हिम्मत सिंह ने उन्हें फोन नही किया। कॉल डिटेल निकलवाकर देखा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि गुरूमुख सिंह और हिम्मत सिंह जैसे लोग कौम के कलंक है। जिन्होंने बयानों से मुकर कर पंथ की पीठ में छुरा मारा है। उन्होंने कहा कि कभी दोनों शख्स स्वयं इच्छा से बयान जारी करते है ओर जब बरगाड़ी बेअदबी के इंसाफ का इतिहास लिखा जाएंगा तो बादलेंा के साथ इन दोंनो भाईयों का नाम भी काले शब्दों में लिखा जाएंगा।

स्मरण रहे कि ज्ञानी गुरमुख सिंह का भाई हिम्मत सिंह जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन के समक्ष पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बयान दर्ज करवाएं थे। लेकिन अब उनका कहना है कि उन्होंने जेल मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा के दबाव में आकर बयान दर्ज करवाएं थे। हिम्मत सिंह ने कहा कि जेल मंत्री रंधावा ने पिछले साल 12 अकतूबर को उन्हें मोहाली आवास पर बुलाया और दस्तावेजों पर बिना पढ़े हस्ताक्षर करवाएं। अब रिपोर्ट लीक होने पर उन्हें सियासत का असल मकसद मालूम हुआ। उन्हें शुरू में आस थी कि जस्टिस रंजीत सिंह सिखों को इंसाफ दिलाएंगे लेकिन समस्त पंथक साजिश में उलझा हुआ है।

– सुनीलराय कामरेड

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