लुधियाना : ‘हाय.. ओ..रब्बा, मैं कित्थे जावां-मेरा शेर जैसा पुत क्यों मारा उसदा की कसूर सी..’ भारी भीड़ के बीच सैकड़ों खाकी वर्दीधारियों की मोजूदगी में विलाप करती ममतामयी मां पुलिस वालों से पूछती है कि उसे इतना तो बता दो..कि मेरे पुत दा क्या कसूर था, उसे क्यों मारा? लुधियाना के सिविल अस्पताल के बाहर आपातकालीन वार्ड के आगे सगे-संबंधी महिलाओं की मोजूदगी में विलाप क रती मृतक 21 वर्षीय कैदी अजीत सिंह की मां निर्मला मोजूद हर शख्स से एक ही सवाल करती पूछती है कि उसे न्याय कौन देंगा। गमगीन वातावरण के दौरान उपस्थित महिलाएं उसे संभालने का कई बार प्रयास करती है। इसी बीच मां अपने बेटे को याद करके जमीन पर मिटटी पर ही पलाथी मारे बैठ जाती है।
मृतक अजीत सिंह के पिता हरजिंद्र सिंह ने भी पुलिस अधिकारियों पर कत्ल का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए साफ तौर पर स्पष्ट किया है कि पोस्टमार्टम करवाने के लिए ना तो वह किसी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे और ना ही वह अपने बेटे की लाश लेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे अजीत को जिंदा जेल में लेकर गए थे, तो उसे लाश बनाकर क्यों सौंपा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि डिप्टी सुपरीटेंड द्वारा उनके बेटे पर गोलियां चलाई गई है। अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज ना होने तक वह संघर्ष जारी रखेंगे।
दरअसल बीते दिन लुधियाना के ताजपुर रोड़ पर स्थित केंद्रीय जेल में कैदियों और जेल मुलाजिमों के बीच हुई हिंसात्मक झड़प के उपरांत उठे बवाल में लुधियाना के टिब्बा रोड़ पर रहने वाले अजीत सिंह उर्फ भोला पुलिस द्वारा जेल के अंदर चलाई गई गोलीबारी के दौरान मारा गया था। इस झड़प में पंजाब पुलिस के दर्जनों जवान जख्मी हुए थे, जिनमें एसीपी संदीप वडेरा भी शामिल थे। जिनका इलाज लुधियाना के एक निजी दयानंद अस्पताल में चल रहा है।
सुनीलराय कामरेड