भाई मिंटू की मृत देह को खालिस्तानी ध्वज में लिपटाकर फूलों की बौछार के बीच सिख पंथक जत्थेबंदियों ने दी अंतिम विदाई - Punjab Kesari
Girl in a jacket

भाई मिंटू की मृत देह को खालिस्तानी ध्वज में लिपटाकर फूलों की बौछार के बीच सिख पंथक जत्थेबंदियों ने दी अंतिम विदाई

NULL

लुधियाना-जालंधर : भारतीय निज़ाम की रहनुमाई वाली केंद्रीय जेल पटियाला में संदिगध मौत के उपरांत कटटर खालिस्तानी समर्थक और पूर्व आतंकी हरमिंद्र सिंह मिंटू उर्फ निहंग सिंह की मृत देह का अंतिम दाह-संस्कार जालंधर के नजदीक इलाका भोगपुर में स्थित पैतृक गांव डल्ली में पंथक -रूह- रिति-रिवाजों के मुताबिक खालिस्तानी नारों के बीच कर दिया गया।

इस मौके पर मिंटू के पारिवारिक सदस्यों, यार-दोस्तों और भारी संख्या में सिख जत्थेबंदियों के आगु मौजूद थे। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गोआ से हरमिंद्र सिंह मिंटू की बुजुर्ग गुरदेव कौर, मिंटू का बड़ा भाई सतविंद्र सिंह और छोटा भाई लखविंद्र सिंह गोओं से पहुंचे हुए थे जबकि मिंटू की पत्नी निर्मल कौर, 26 वर्षीय बेटा मनविंद्र सिंह और 18 वर्षीय हरप्रीत कौर इंगलैंड में होने की वजह से वे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएं।

जबकि शवयात्रा में शामिल हुए सिख नौजवानों ने खालिस्तान की सरेआम मांग का समर्थन करते हुए संत जरनैल सिंह भिंडरावाले के समर्थन में भी नारें बुलंद किए। हालांकि पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हुए थे।

खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख रहे भाई हरमिंद्र सिंह मिंटू की शव यात्रा में पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां काफी सक्रिय दिखी। जालंधर-पठानकोट नैशनल हाईवे पर स्थित गांव डल्ली के मुर्दघाट की तरफ जाने वाली तमाम सडक़ों और खेत-खलिहानों की पगडंडियों तक पुलिस ने पेहरा बैठा रखा था।

मिंटू के अंतिम संस्कार के दौरान दमदमी टकसाल के प्रमुख जत्थेदार बाबा हरनाम सिंह, सरबत खालसा तख्त केसगढ़ साहिब के जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला, श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई जसबीर सिंह रोडे, बगीचा सिंह वड़ेच रतेखेड़ा, दल खालसा के हरपाल सिंह चीमा, बीबी सोहन जीत कौर, सर्वजीत धड़ाम, अकाली दल अमृतसर के प्रो. महिंद्र सिंह, बाबा बख्शीश सिंह और सतकार कमेटी के सुखजीत सिंह खोसा सिंह समेत कई पंथक नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे।

उपरोक्त नेताओं ने हरमिंद्र सिंह मिंटू को कौम का बहादुर यौद्धा बताते हुए उनकी हार्ट अटैक की मौत पर आशंका प्रकट करते हुए इसे सोची-समझी साजिशन कत्ल करार दिया और इस मौत की उच्च स्तरीय जूडीशियल जांच की मांग भी रखी। हरनाम सिंह धूमा के मुताबिक देश की अनगिनित जेलों में सजा पूरी कर चुके सिख कैदी आज भी मौजूद है जिन्हें मानवीय अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त हरमिंद्र सिंह मिंटू के भाई सतनाम सिंह ने भी अचानक हुई इस मौत पर सवाल उठाते हुए मांग की और कहा कि जेल में उनके भाई के साथ सही तरीके से इलाज और दवाइयां दी जाती तो आज उनका भाई उनके बीच होता। उन्होंने जेल प्रशासन पर दवाइयां और वक्त पर इलाज नहीं मिलने की जांच का मुददा उठाया।

गांव के गुरूद्वारा साहिब में अंतिम तैयारियों के उपरांत अलग-अलग सिख संगठनों के आगुओं ने मिंटू की अर्थी पर फूलों की बरसात की। इस दौरान केसरियां रंग के ध्वज में मिंटू की मृत देह को लपेटा गया और अर्थी पर खालिस्तानी ओढऩी ओढ़ी गई। शव यात्रा में शामिल सिख नौजवानों ने भारतीय निज़ाम के विरूद्ध अपने गुस्से का इजहार करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाएं। कई नौजवानों की टुकडिय़ों ने अकाल तख्त से आई आवाज खालिस्तान -खालिस्तान और भिंडरावाला संत सिपाही जिसने सोई कौम जगाई , मिंटू तेरी सोच पर पेहरा देंगे ठोक कर और साडी जिंद- साडी जान खालिस्तान जिंदाबाद के जोरदार नारेबाजी की गई। अंतिम अरदास के उपरांत गांव की ही शमशान भूमि में हरमिंद्र सिंह मिंटू की चिता को अगिन उनके भाई लखविंद्र सिंह ने दी।

– सुनीलराय कामरेड

24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − 3 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।