लुधियाना-अमृतसर : श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी सिखों के ‘जगत-ज्योति सतगुरू ’ है और इसमें दर्ज पावन गुरूवाणी की प्रमाणिकता पर किंतु-परंतु करने का किसी को अधिकार नहीं। गुरवाणी, गुरूमति सिद्धांत और सिख परंपराओं से जानबूझकर किंतु-परंतु करने वाले लोग सिख कौम साथ-साथ देश के भी दुश्मन है। उपरोक्त विचारों को प्रकट करते हुए शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के प्रधान जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने महंत नारायण दास के शख्स द्वारा एक वीडियो के जरिए पावन गुरवाणी और पांचवे पातशाह श्री गुरू अर्जुन देव जी के खिलाफ मनगढ़ंत बयान-बाजी का मामला सामने आने पर उन्होंने कहा कि नारायण दास द्वारा पांचवे पातशाह जी और भगत सहिबान की वाणी बदलने का दोष गुरू साहिब और गुरूवाणी का अपमान है। जिस कारण सिखों की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। जत्थेदार ने यह भी कहा कि ऐसा करके उसने सिखों और भगतों के पैरोपकारों में आपसी मनमुटाव पैदा करने की कोशिश की है।
भाई लोंगोवाल ने कहा कि गुरू साहिब ने तो भगतों और भॅटां की पावन वाणी को श्री गुरू ग्रंथ साहिब में बराबर का स्थान देकर मानव समानता का उदाहरण कायम किया परंतु नारायण दास जैसे लोग मानवता को बांटने के लिए चालें चल रहे है। भाई लोंगोवाल ने कहा कि नारायण दास द्वारा जानबूझकर की गई यह घिनौनी हरकत सामाजिक और संप्रदायों में तनाव बढ़ाने और अमन-शांति भंग होने का भी खतरा बना है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि ऐसे शख्स को तुरंत गिरफतार करके सजा दी जाएं ताकि आगे से ऐसी कोई घटिया हरकत ना कर सकें। शिरोमणि कमेटी ने चिंता प्रकट की कि सोशल मीडिया पर बार-बार गुरू साहिबान के बारे में अपमानजनक पोस्टें सामने आ रही है परंतु सरकार के साइबर क्राइम सैल बिल्कुल चुप है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी जिम्मेदारी की भूमिका नहीं निभा रही, जिसके परिणाम देश और समाज विरोधी तत्वों के होसलें बढ़ रहे है। शिरोमणि कमेटी प्रधान ने सरकार से अपील की कि धार्मिक भावनाओं को भडक़ाने वाले लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाएं। इस दौरान शिरोमणि कमेटी प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल की तरफ से मुख्य सचिव डॉ रूप सिंह, सचिव मनजीत सिंह बाट, सचिव बलविंद्र सिंह जोड़ासिंहा, संयुक्त सचिव सकतर सिंह, श्री दरबार साहिब के प्रबंधक स. जसविंद्र सिंह दीनपुर और मुख्तयार सिंह ने अमृतसर के पुलिस कमीश्रर एसएस श्रीवास्तव के नाम लिखित शिकायत सरदार अमरीक सिंह पवार डीसीपी अमृतसर को देकर नारायण दास के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की। इस दौरान मुख्तयार ङ्क्षसह प्रबंधक सरावा स. सुखराज सिंह और सुखबीर सिंह प्रबंधक समेत सुपरीटेंड प्रिंसीपल बलदेव सिंह, स. गुरमीत सिंह इंचार्ज समेत अन्य भी हाजिर थे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो में भगवे महंत द्वारा श्री गुरू अर्जुन देव जी पर सरेआम आरोप लगाए है कि उन्होंने भक्तों की वाणी के साथ छेड़छाड़ करके उसको श्री गुरू ग्रंथ साहिब में दर्ज किया है और इस छेड़छाड़ के कारण भक्तों द्वारा दिए गए श्राप के कारण श्री गुरू अर्जुन देव जी को तती-तवी (गर्म लोहा) पर बैठना पड़ा और गर्म रेत सिर पर डलवाकर घोर सजा के बीच अपनी जान देनी पड़ी। यू टयूब पर चलते चैनल गुरूवाणी मीनस पर एक वीडियों में श्रीचंद की फोटो के सामने बैठे एक भगवा साध द्वारा गुरूवाणी पर किंतु-परंतु किया जा रहा है कि अर्जुन देव जी की अपनी वाणी तो बहुत उच्च दर्जे की है और उसकी व्याख्या करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। परंतु अर्जुन देव जी ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी में शामिल की भक्तों की वाणी के साथ बहुत छेड़छाड़ की है। श्री गुरू ग्रंथ साहिब में शामिल भक्त रविदास जी, भक्त नामदेव जी और भक्त कबीर जी के कई शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करके उक्त भगवे साध ने कहा है कि इस प्रकार वाणी बदलकर गलत लिखने के कारण स्वर्ग में बैठे भक्तों ने श्री गुरू अर्जुन देव जी को श्राप दिया, जिस कारण आखिरी समय उन्हें तशदद झेलते हुए तती तवी पर बैठना पड़ा। वीडियों में दिखने वाले साध के बारे में पता चला कि वह उदासीन भेष में दिखने वालास नारायणदास है परंतु वह कहा रहता है, इस संबंध में कुछ नहीं पता।
– सुनीलराय कामरेड
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।