भभकती- लू के दौरान पंजाब के किसानों का चढ़ा पारा, कैप्टन को दी चेतावनी - Punjab Kesari
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भभकती- लू के दौरान पंजाब के किसानों का चढ़ा पारा, कैप्टन को दी चेतावनी

श्री मुक्तसर साहिब के जिलाधीश कार्यालय के आगे आज 7 किसान जत्थेबंदियों द्वारा रोष धरना प्रदर्शन किया गया।


लुधियाना-श्रीमुकतसर साहिब  :  श्री मुक्तसर साहिब के जिलाधीश कार्यालय के आगे आज 7 किसान जत्थेबंदियों द्वारा रोष धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की ओर से धान की रोपाई एक जून से शुरू करने की घोषणा की गई। 
किसानों ने पूर्ण तौर पर कर्ज माफ करने, खुदकुशी कर चुके पारिवारिक सदस्यों को मुआवजा और पीडि़त परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी के साथ-साथ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की मांग की गई।  करीब पांच घंटे चले इस धरने के दौरान किसानों ने राज्य सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। किसानों का कहना है कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह  ने सत्ता संभालने से पहले जो वायदे किए उन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया और अब बिजली के रेटों में वृद्धि की जा रही है।
इस रोष धरने में जिलाध्यक्ष पूर्ण सिंह दोदा, महासचिव गुरभगत सिंह भलाईआना, किरती किसान यूनियन के प्रधाल बलजिदर सिंह भुट्टीवाला, महासचिव बलविदर सिंह थांदेवाला ने कहा कि सरकार के आदेशों से पहले धान एक जून को ही लगाया जाएगा, क्योंकि लेट लगवाई के कारण एक तो लेबर की समस्या व दूसरा धान की कटाई के समय ठंड व धुंध के कारण नमी बढ़ जाती है जिस कारण रुकावटों का सामना करना पड़ता है। 
किसानों ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के सहारे ही किसान को खुदकुशी की ओर धकेला जा रहा है। किसानों ने तहसीलदार सुखबीर सिंह को एक मांग पत्र देकर प्रशासन से मांग की है कि एक जून से ही धान लगाने की मंजूरी दी जाए। इसके अलावा उन्होंने किसानों के कर्ज खत्म करने, खुदकुशी पीडि़तों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने, एक सदस्य को नौकरी देने, कर्ज संबंधी आसान कानून बनाने, लावारिस पशुओं का उचित हल करने की मांग की।
उधर संगरूर/बरनाला में भी लोकसभा चुनाव निपटते ही एक बार फिर किसान सडक़ों पर उतर आए हैं। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की अगुवाई में सात किसान जत्थेबंदियों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। किसानों की मुख्य मांगों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग है। किसान दस घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई की भी मांग कर रहे हैं। 
बठिंडा, संगरूर व बरनाला में किसानों ने जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समक्ष धरना दिया और केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि चुनाव के समय नेताओं को किसानों की याद आती है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वह वादों को भूल जाते हैं। संगरूर में धरने की अगुवाई भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां ने की।
ये हैं किसानों की मांगें
– स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हों
– किसानों का पूूरा कर्जा माफ किया जाए
– खुदकुशी कर चुके किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए
– बेरोजगार किसानों को नौकरी दी जाए
– एक जून से धान की बिजाई की अनुमति दी जाए
– किसानों को दस घंटे निर्विघ्न बिजली दी जाए
– सुनीलराय कामरेड

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