लुधियाना-संगरूर : पंजाब में धरती पुत्र किसान और कृषि दोनों की ही परेशानियां रूकने का नाम नहीं ले रही। सरकार भले ही कर्ज माफी किसानों की प्रथम सूची जारी कर चुकी है लेकिन इसके बावजूद हर रोज किसान किसी ना किसी प्रकार से खुदकुशी कर ही रहे है। इसी क्रम में ताजा घटना फरीदकोट के गांव चाहिल में आज उस वक्त सामने आई जहां के किसान ने गांववासियों के मुताबिक कैप्टन की कर्ज माफी स्कीम की सूची में नाम ना आने से मौत का रास्ता चुन लिया। मृतक किसान देश के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी उधम सिंह का पौता था।
हालांकि पंजाब सरकार ने 7 जनवरी को एक राज्य स्तरीय समारोह के जरिए कर्ज माफी की सूचियां जारी करके बड़े दावे कर रही है किंतु दावों की पोल खुलती उस वक्त नजर आई जब बड़े समारोह के उपरांत भी किसानों द्वारा मौत को गले लगाने का सिलसिला जारी है। जानकारी के मुताबिक 55 वर्षीय गुरूदेव सिंह आज अपने परिवार को रोता-बिलखता छोडक़र इस दुनिया को अलविदा कर गया। मृतक के रिश्तेदारों के मुताबिक गुरूदेव सिंह के सिर पर 30 लाख रूपए का कर्ज था। जानकारी के मुताबिक गुरूदेव सिंह ने बीती रात बिना बताए घर से चला गया और अपने ही खेतों में जाकर मोटर वाले कुएं में रस्सी डालकर जीवन लीला खत्म की है।
गांव चाहिल के सरपंच बलजीत सिंह ने बतायाकि मृतक किसान व्यावहारिक रूप से ईमानदार और मिलनसार था और 10-12 किले जमीन उसके पास थी। काफी दिनों से वह परेशान चल रहा था, जिस कारण उसने आत्महत्या कर ली। मृतक किसान गुरूदेव सिंह के रिश्तेदार जोगा सिंह ने कहा कि गुरूदेव सिंह अपना नाम सरकार की कर्ज माफी स्कीम की सूची में ना आने से परेशान था और उसके सिर पर 20 लाख रू का कर्ज था। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह किसानों का कर्ज पूरी तरह और सही तरीके से माफ करें ताकि किसानों की खुदकुशी रूक सकें। इलाका पुलिस स्टेशन एसएचओ मुख्तयार सिंह ने बताया कि उन्हें सुबह किसान द्वारा की गई आत्महत्या की सूचना मिली थी और उनके परिवारिक सदस्यों के मुताबिक बयान लेकर कार्यवाही की जा रही है।
उधर गांव चाउंके में भी किसान बूटा सिंह ने सरकारी और गैर सरकारी कर्जो से तंग आकर पंखे से लटककर फांसी ले ली है। जबकि लौंगोवाल के नजदीक गांव लोहखेड़ा में कर्ज से परेशान एक अन्य नौजवान किसान द्वारा आत्महत्या कर लिए जाने का समाचार मिला है। जानकारी के मुताबिक बीती रात 29 साल के किसान हरविंद्र सिंह उर्फ गोगा पुत्र स्व. सुखदेव सिंह निवासी लोहखेड़ा ने जहरीला स्प्रे पीकर अपनी जीवन लीला खत्म की है। मृतक किसान के 3 छोटे बच्चों में से 2 बच्चियां और 1 लडक़ा है। 5 एकड़ के मालिक किसान के सिर पर 10 लाख का क र्ज था लेकिन सरकार ने सिर्फ 90 हजार कर्ज माफ किया था। सितम की बात यह थी कि अब मृतक के घर में रहने वाली तीनों महिलाएं हरविंद्र की मां, भाभी और पत्नी विधवा हो चुकी है। हरविंद्र के पिता की मौत 25 साल पहले कीटनाशक दवा चढऩे से हुई थी जबकि उसके भाई की मौत 7 साल पहले सडक़ हादसे में हो गई थी।
जहरीली दवा पीने की खबर मिलते ही उसके पारिवारिक सदस्यों ने लौंगोवाल के एक निजी अस्पताल में उसे दाखिल करवाया, जहां उसकी मौत की पुष्टि हुई है। मृतक किसान की पत्नी रंजीत कौर ने बताया कि अलग-अलग बैंको से करीब 10 लाख का कर्जदार था और घर में आर्थिक तंगी के कारण उसका पति अकसर कर्ज को लेकर परेशान था, जिस कारण उसने स्प्रे पीकर आत्महत्या की है। गांववासियों ने भी किसानों की कर्ज माफी के लिए लगाई गई सूचीयों को मजाक करार दिया। उन सूचीयों में लाखों रूपए के कर्जदार किसानोंको महज कुछ रूपए के चैक देकर मजाक बनाया जा रहा है।
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– सुनीलराय कामरेड