पंजाब में बॉर्डर पर सख्ती हुई तो सतलुज दरिया बना तस्करी का जरिया - Punjab Kesari
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पंजाब में बॉर्डर पर सख्ती हुई तो सतलुज दरिया बना तस्करी का जरिया

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लुधियाना-फिरोजपुर : पुलिस और बीएसएफ ने बॉर्डर पर सख्ती की तो तस्करों ने सतलुज दरिया को जरिया बना लिया और नशे व हथियारों की तस्करी करने लगे हैं। एसटीएफ, काउंटर इंटेलीजेंस व पुलिस जितने भी हेरोइन व असलहा तस्कर पकड़ चुकी है, उन सभी ने एक ही बात कही है कि सरहद पर बहने वाले सतलुज दरिया के रास्ते तस्करी करते आ रहे हैं।

ऐसे रास्ते दरिया के पानी से बने हैं, जो सरकंडों के जंगलों में से होकर निकलते हैं, जहां पर बीएसएफ भी पूरी तरह निगरानी करने में चूक जाती है। पंजाब से सटी भारत-पाक सीमा लगभग 580 किलोमीटर लंबी है और इसके अधिकांश इलाकों के साथ सतलुज दरिया बह रहा है, जो कई बार पाक में प्रवेश होकर भारत में घुसता है। यही कारण है कि पाकिस्तान की नाव भी भारतीय सीमा में आ जाती हैं।

जैसे तेरह दिसंबर को भारत-पाक सीमा पर डेरा बाबा नानक क्षेत्र में रावी दरिया से तीन पाकिस्तानी किश्तियां मिली थी। पंजाब से सटी भारत-पाक की सीमा तकरीबन 580 किलोमीटर लंबी है। सीमा पर कंटीले तार लगे है। कंटीले तार के पार लगभग 12 हजार एकड़ जमीन पर कई किसान खेती की आड़ में पाक तस्करों के साथ मिलकर हेरोइन व असलहा तस्करी करते हैं।

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– सुनीलराय कामरेड

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।