सिख संगत और सिख जत्थेबंदियां बुड़ैल जेल के बाहर रोष प्रदर्शन - Punjab Kesari
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सिख संगत और सिख जत्थेबंदियां बुड़ैल जेल के बाहर रोष प्रदर्शन

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लुधियाना  : पंजाब में हजारों सिखों को झूठे पुलिस मुकाबलों के आरोप लगाकर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के कत्ल के मामले में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख भाई जगतार सिंह तारा के केस का फैसला 17 मार्च को आने की प्रबल संभावना है। जगतार सिंह तारा जरनैल सिंह भिंडरावाले द्वारा आरंभ हुए कौमी आजादी के संघर्ष का आगु है। केंद्रीय जेल अमृतसर में स्थानीय अदालत में पेशी पर आएं हुए आतंकी भाई नारायण सिंह चौड़ा ने सिख जगत को अपील की है कि पंथक यौद्धा जगतार सिंह तारा को पंथक समर्थन देने के लिए अदालती फैसले के वक्त 17 मार्च को बुड़ैल जेल के सामने पहुंचे।

अकाल फैडरेशन के महासचिव भाई महिंद्र सिंह रंधावा द्वारा भेजे संदेश में भाई चौड़ा ने आगे कहा कि यही प्रक्रिया अदालती द्वारा फैसले के दौरान प्रत्येक तारीख और अदालत द्वारा फैसला सुनाएं जाने तक जारी रखेंगी। उन्होंने पंथक जत्थेबंदियों को आमंत्रित देते हुए कहा कि अगर भाई जगतार सिंह तारा को बड़ी सजा जिसकी संभावनाएं प्रबल है तो उस दिन पंजाब बंद करके पंथक गुस्से का इजहार किया जाएं। विदेशों में बसते सिख दुनिया भर में एक ही दिन और एक ही वक्त भारतीय दूतावासों का घेराव करके भाई जगतार सिंह तारा समेत इस केस में शामिल अलग-अलग जेलों में बंद भाई जगतार सिंह हवारा, भाई बलवंत सिंह राजोवाना, भाई शमशेर सिंह, भाई गुरमीत सिंह, भाई परमजीत सिंह भिओरा, भाई लखविंद्र सिंह की चडढ़ी कला के लिए अरदास की जाएं।

स्मरण रहे कि पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की सिविल सचिवालय के बाहर 31 अगस्त 1995 को मानव बम के धमाके में मौत हो गई थी। तारा ने जिला और सेशन जज क ो हस्तलिखित पत्र सौंपकर कबूल किया था कि मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को कत्ल करने के वक्त वह मानव बम देलावर सिंह के साथ था। इस मामले से संबंधित 8 दोषियों के बारे में फैसला हो चुका है। जिसमें भाई बलवंत सिंह राजोवाना को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। भाई जगतार सिंह हवारा को आखिरी सांस तक उम्रकैद और भाई परमजीत सिंह भियोरा, भाई लखविंद्र सिंह, भाई गुरमीत सिंह उम्र कैद की सजाएं भुगत रहे है। तारा ने अदालत के समक्ष कबूल किया था कि बेअंत सिंह को मारने का उसे कोई भी पछतावा या अफसोस नहीं परंतु बम धमाके के दौरान मारे गए अन्य बेकसूर मानवीय जानों के चले जाने का दुख जरूर है।

तारा ने यह भी कहा है कि घटना को अंजाम देने का फैसला पूरी सोच-विचारकर सिद्धांतों के मुताबिक लिया था। तारा ने यह भी कहा था कि अकाल तख्त साहिब का मटियामेल करने की कार्यवाही ने सिख नौजवानों को हथियार उठाने पर मजबूर किया। हालांकि उनकी कैद को 22 साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है। अब 17 मार्च को टाइगर फोर्स के प्रमुख भाई जगतार सिंह तारा से संबंधित फैसला आ रहा है, जिसको सुनने के लिए हर सिख उतावला और फिक्रमंद है। उधर यूनाइटेड खालसा दल यूके के प्रधान भाई निर्मल सिंह संधू और महासचिव भाई लवशिंद्र सिंह ने पंजाब भर के सिख और सिख संगठनों व पंथक आगुओं को अपील की है कि वह इस दिन बड़ी संख्या में बुड़ैल जेल के बाहर पहुंचे।

– सुनीलराय कामरेड

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