चंडीगढ़: अक्सर बडबोले बोल बोलने वाले और अमरिंदर सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उनके खिलाफ विपक्ष ने घेराबंदी की है। सरकार द्वारा सिद्धू के बेटे करण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल (एएजी) बनाया जाना है. लेकिन, सूत्रो से मिली खास जानकारी के मुताबिक सिद्धू की पत्नी और उनके बेटे करण सिद्धू दोनों ही ऐसा कोई पद लेने नहीं जा रहे हैं। सिद्धू के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक नवजोत कौर सिद्धू पंजाब वेयर हाउस निगम की डायरेक्टर और चेयरपर्सन का पद ज्वॉइन नहीं करेंगी। आपको बता दें कि नवजोत कौर को नियुक्ति पत्र खुद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिए थे। इसके साथ ही करण सिद्धू भी पंजाब सरकार में असिस्टेंट एडिशनल एडवोकेट जनरल का पद नहीं संभालेंगे।
यहां आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू खुद स्थानीय निकाय मंत्री हैं, उनकी पत्नी नवजोत कौर को हाल ही में पंजाब वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन का चेयरमैन बनाया गया है, जबकि असिस्टेंट एडवोकेट जनरल की पोस्ट पर उनके बेटे की नियुक्ति के बाद विपक्ष को सवाल उठाने का मौका मिल गया था।
कभी सिद्धू ने बादल सरकार को जीजा-साले की सरकार कहकर अकाली दल को घेरने की कोशिश की थी। यही वजह है कि जब सिद्धू की पत्नी और बेटे को पंजाब सरकार ने अहम पद ऑफर किया, तो विपक्षी दल उन पर हमलावर हो गए। पूर्व स्थानीय निकाय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल जोशी ने मीडिया से कहा था कि सिद्धू का चेहरा अब बेनकाब हो गया है, जबकि शिअद महासचिव व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कैप्टन सरकार में एक ही परिवार में सारी नौकरियां दी जा रही हैं। पंजाब बीजेपी अध्यक्ष श्वते मलिक का आरोप था कि कैप्टन सरकार ने चुनाव के दौरान बेरोजगारों के फॉर्म जरूर भरवाए, लेकिन रोजगार सिर्फ दो परिवारों को दिया है. जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व सीएम बेअंत सिंह का परिवार शामिल है।
पंजाब की कैप्टन सरकार ने एडवोकेट जनरल कार्यालय में 28 लॉ ऑफिसर्स की नियुक्ति की थी। इनमें चार एडिशनल एडवोकेट जनरल, 11 डिप्टी एडवोकेट जनरल और 13 असिस्टेंट एडवोकेट जनरल शामिल हैं. वहीं पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बेटे करण सिद्धू को असिस्टेंट एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था। पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने इस नियुक्ति को पूरी तरह पारदर्शी करार दिया है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने अप्लाई किया था उनकी पूरी लिस्ट देखी गई है, उसके बाद ही फैसला हुआ है।
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