पंजाब में कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। इसी बीच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद द्वारा फिल्म के विरोध में पंजाब के अमृतसर में पीवीआर सूरज चंदा तारा सिनेमा के बाहर भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। बता दे कि फिल्म आज 17 जनवरी को रिलीज हो रही है, जिसका एसजीपीसी ने कड़ा विरोध किया है, समिति ने मांग की है कि फिल्म को पंजाब में प्रतिबंधित किया जाए।
ਸਿੱਖਾਂ ਦਾ ਅਕਸ ਵਿਗਾੜਨ ਵਾਲੀ ਫ਼ਿਲਮ ਐਮਰਜੈਂਸੀ ਨੂੰ ਬੈਨ ਕਰਨ ਦੀ ਮੰਗ ਤਹਿਤ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਕਮੇਟੀ ਵੱਲੋਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰਾਂ ਨੂੰ ਦਿੱਤੇ ਗਏ ਇਤਰਾਜ਼ ਪੱਤਰ pic.twitter.com/OSijVSvPJB
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (@SGPCAmritsar) January 16, 2025
क्यों मांग कर रहें है ‘इमरजेंसी’ पर प्रतिबंध लगाने की ?
एसपीजीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखा, इस पत्र में फिल्म पर सिख समुदाय को बदनाम करने के उद्देश्य से राजनीति से प्रेरित होने का आरोप लगाया। पंजाब सरकार के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में, यह स्पष्ट रूप से कहा गया था कि ‘इमरजेंसी’ फिल्म को पंजाब में प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि यह सिखों को बदनाम करने के उद्देश्य से राजनीति से प्रेरित है। समिति के एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में एसजीपीसी प्रमुख धामी ने कहा कि उन्होंने अमृतसर के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा है, जिसमें उनसे सिख पात्रों को “गलत तरीके से” चित्रित करने वाली फिल्म की रिलीज रोकने का अनुरोध किया गया है।
किरदारों की गलत भूमिका दर्शायी गई
इस फिल्म में सिख किरदारों, खास तौर पर जरनैल सिंह भिंडरावाले की भूमिका को गलत तरीके से पेश किया गया है। सरकार अक्सर सिखों की भावनाओं से खेलती है। यही कारण है कि हमने सरकार के समक्ष फिल्म को रिलीज न करने के लिए पहले भी आपत्ति दर्ज कराई थी। पंजाब में फिल्म रिलीज होने के कारण डीसी को पत्र लिखकर रिलीज रोकने की मांग की है। एसजीपीसी की महिला सदस्य ने कहा कि फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद कई लोगों ने आपत्ति जताई थी कि इतिहास को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है और इससे सिखों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।