एसजीपीसी की जांच कमेटी किरण बाला मामले में मैनेजर भंगाली को कर रही बचाने की कोशिश - सिरसा - Punjab Kesari
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एसजीपीसी की जांच कमेटी किरण बाला मामले में मैनेजर भंगाली को कर रही बचाने की कोशिश – सिरसा

12 अप्रैल को एसजीपीसी के जत्थे के साथ भेजी गई गढ़शंकर की महिला किरण बाबा मामले में आरोपी

लुधियाना-अमृतसर : दल खालसा व लोक इंसाफ भलाई सोसायटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि 12 अप्रैल को एसजीपीसी के जत्थे के साथ भेजी गई गढ़शंकर की महिला किरण बाबा मामले में आरोपी श्री हरिमंदिर साहिब के पूर्व मैनेजर सुलखन सिंह भंगाली को एसजीपीसी बचाने की कोशिश कर रही है। आरोपी भंगाली के खिलाफ तथ्य जुटाने की जगह एसजीपीसी की जांच कमेटी इस बात की जांच कर रही है कि भंगाली की ओर से जिस पत्र पर किरण बाला को जत्थे के साथ भेजने के लिए पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम ङ्क्षसह मजीठिया के राजनीतिक सलाहकार तलबीर सिंह गिल के नाम का सिफारिश के लिए उपयोग किया था वह पत्र मीडिया के पास कैसे पहुंचा और उसे मीडिया तक पहुंचाने में किस कर्मी ने भूमिका निभाई है। इसी के तहत ही एसजीपीसी के अधिकारियों और जांच कर रही कमेटी ने बाहरी लोगों को एसजीपीसी के यात्रा विभाग में आने जाने की पाबंदी लगा दी है।

सिरसा ने कहा कि पहले जांच कमेटी ने भंगाली की सिफारिश वाले चिट्ठी को दबाने की कोशिश की गई। जब मीडिया में यह चिट्ठी प्रकाशित हो गई तो अब आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह आरोपी को बचाने की कोशिश हो रही है। यही कारण है कि भंगाली को हरिमंदिर साहिब के मैनेजर की पोस्ट के हटा कर एडिशनल सचिव के पद पर तैनात कर दिया गया। जब भंगाली की ओर से तलबीर ङ्क्षसह गिल के नाम वाले पत्र में अपनी शमूलियत होने से तलबीर गिल ने इंकार किया तो स्पष्ट था कि मामले में दोषी भंगाली है फिर एसजीपीसी भंगाली को क्यों बचा रही है।

सिरसा ने कहा कि तलबीर सिंह गिल ने इस की सिफारिश नहीं की थी तो भंगाली की किरण बाला के साथ क्या निकटता थी कि उसे एसजीपीसी के जत्थे को बदनाम करने के लिए जत्थे के साथ किरण बाला को भेजा जो पाकिस्तान जा कर गायब हो गई और धर्म बदल कर पाक नागरिक के साथ निकाह का लिया। इस तरह भंगाली की कथित सहायता से किरण बाला ने देश की सुरक्षा को लिए एक चुनौती पैदा की दी है।

उन्होंने कहा कि शंका प्रतीत होती है कि भंगाली ने तलबीर के कहने पर ही किरण बाला को पाक जत्थे के साथ भेजा है। क्योंकि बाबा बकाला से भंगाली को ला कर श्री हरिमंदिर साहिब का मैनेजर लगाया गया और भंगाली को मैनेजर की कुर्सी पर बिठाने के लिए तलबीर सिंह खुद आया था। इतना ही नहीं अकाली दल ने भंगाली को गांव में सरपंच की पोस्ट पर चुनाव लड़ाकर सरपंच जिताया था। एक व्यक्ति एक ओर गांव के सरपंच की जिम्मेवार और दूसरी ओर श्री हरिमंदिर साहिब के मैनेजर की जिम्मेवारी दो पोस्टों पर कैसे निभाते हुए अपने प्रोफेशन से न्याय कर सकता है। उन्होंने कहा की इस सारे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और एसजीपीसी के अध्यक्ष को सच सामने लेकर आना चाहिए।

– सुनीलराय कामरेड

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