23 सालों से खाकी वर्दी के खिलाफ इंसाफ की राह देखते-देखते बुझ गई 2 बूढ़ी आंखें - Punjab Kesari
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23 सालों से खाकी वर्दी के खिलाफ इंसाफ की राह देखते-देखते बुझ गई 2 बूढ़ी आंखें

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लुधियाना : दो दशकों से इंसाफ का इंतजार कर रही 2 बूढ़ी आंखें हमेशा के लिए चिरनिद्रा में लीन हो गई। 23 सालों से पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी समुेध सिंह सैनी पर चल रहे लुधियाना के सैनी मोटर केस और मर्डर केस में मुख्य गवाह माता अमर कौर का बीते दिनों दिल्ली में देहांत हो गया। जानकारी अनुसार उनकी आयु 100 साल के करीब बताई गई है। उनके एक बेटे और बेटे के साले समेत ड्राइवर को अपहरण करके कत्ल करने का दोष सुमेध सिंह सैनी पर लगा था और यह केस दिल्ली स्थित तीस हजारी अदालत में चल रहा है। स्मरण रहे कि 15 मार्च 1994 को अमर कौर के बेटे विनोद कुमार और बेटे के साले अशोक कुमार समेत ड्राइवर मुख्तयार सिंह का कुछ पुलिस वालों ने अपहरण कर लिया था और उन तीनों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला।

हालांकि इस केस की जांच सीबीआई ने भी की थी और सीबीआई ने जांच-पड़ताल करने के पश्चात पंजाब पुलिस के तत्कालीन अधिकारी सुमेध सिंह सैनी समेत तीन अन्य पुलिस अधिकारियों को दोषीबताते हुए चार्ज शीट फाइल की थी। वर्ष 2008 में अमर कौर ने इस केस में अहम गवाह के तौर पर उपस्थिति दर्ज कराई और वह पिछले 10 सालों के दौरान वह लकवा की गंभीर बीमारी से पीडि़त होने के बावजूद लगातार स्ट्रेचर पर अदालत आती-जाती रही है।

जबकि उनके एक अन्य बेटे प्रमोद कुमार ने भी खुदकुशी कर ली थी यही नहीं सुमेध सैनी के साथ विवाद के दौरान 4 मार्च 1994 को माता अमर कौर के पति रत्न सिंह आहलूवालिया का देहांत हो गया था पहले भी खबर थी जब पंजाब पुलिस से बरखास्त इंस्पेक्टर और पुलिस केट के नाम से जाने जाने वाले गुरमीत सिंह पिंकी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पूर्व डीजीपी सैनी ने एक विद्यार्थी और 3 अन्य का फर्जी इनकाउंटर करवाया था। पिंकी ने एक वैबसाइड को दिए इंटरवयू में बताया था कि सैनी उस वक्त लुधियाना के एसएसपी थे, जिन्होंने छात्र का कत्ल करवाया था और वह मोहाली के स्कूल में 10वी का छात्र था। लुधियाना के पूर्व सांसद सदस्य राजिंद्र कौर बुलारा के पति समेत 3 नौजवानों की लुधियाना के नजदीक फर्जी एनकाउंटर में हत्या करवाई गई थी।

इनको आतंकवादी गतिविधियों के शंका में चंडीगढ़ के सेक्टर 15 के नजदीक पकड़ा गया था, जिसमें पिंकी भी शामिल थे। पिंकी ने आरोप लगाया था कि सीआईए की टीम ने प्रो. राजिंद्र बुलारा, प्रभजीत सिंह मिंटू, जसपाल सिंह और गरीबदास समेत दविंद्र पाल सिंह को एक दुकान के बाहर दबोचा था परंतु जसपाल सिंह को काबू ना आते देख संत कुमार ने उसको साइनेट खिला दिया और जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद बाकी तीनों को दबोचकर टीम तुरंत एसएसपी सुमेध सिंह सैनी के पास छोड़ आई और अगले दिन अखबारों में छपा कि तीनों लुधियाना के नजदीक एक एनकाउंटर में मारे गए जबकि 30 हजारी में इस केस की उपस्थिति अंशु बजाज चांदना एडीशनल जज की कोर्ट में जस्टिस राजीव भल्ला की गवाही चल रही है।

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– सुनीलराय कामरेड

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