लुधियाना-अमृतसर : सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ एसपी सिंह ओबराय की कड़ी मशक्कत और मेहनत प्रयासों के चलते आज एक और जिंदगी अपने मां-बाप तक सकुशल पहुंची। गमगीन माहौल में ममतामयी मां ने नम आंखों को पौंछते हुए अपने जिगर के टुकड़े को गले लगाया।
राजासांसी स्थित गुरू रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर कई सालों के बाद मौत की सजा से बचकर वतन पहुंचे संदीप सिंह के परिवारिक सदस्य और सरबत भला चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों ने संदीप सिंह का स्वागत किया। हवाई अडडे पर मीडिया से रूबरू होते हुए दुबई से वतन पहुंचे संदीप सिंह ने अपनी आप बीती सुनाने के दौरान भावुक होकर कहा कि अगर डॉ ओबराय उसकी बाजू ना पकड़ते तो शायद वह कब का नाजायज ही फांसी के तख्त पर झूल जाता। उसने कहा कि वह कई जन्मों तक डॉ ओबराय द्वारा उसके ऊपर किए गए अहसान का कर्ज नहीं वापिस कर पाएंगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक दुबई की जेल में फांसी की सजा का फैसला लेने वाला संदीप सिंह 9 साल के बाद रिहा होकर वापिस पंजाब आया है। दरअसल संदीप को होशियारपुर के रहने वाले मनदीप सिंह की मौत के मामले में दुबई में फांसी की सजा सुनाई गई थी। काफी लंबे समय की मशक्कत उपरांत सरबत का भला ट्रस्ट के प्रयासों के कारण संदीप की रिहाई हुई है। 2006 में मनदीप के कत्ल के मामले में कोर्ट ने संदीप को फांसी की सजा सुनाई थी और संदीप के परिवार ने उसकी वापिसी की तमाम आशाएं छोड़ दी थी।
दुबई की जेल से वापिस आएं संदीप ने कहा कि उसने मनदीप का कोई कत्ल नहीं किया बल्कि उसे गहरी साजिश के तहत फंसाया गया था। उसने कहा कि कत्ल केस में फांसी की सजा होने के बाद अपील डालने पर उसे उम्र कैद की सजा में तबदील कर दिया गया और अब एसपी सिंह ओबराय ने मृतक मनदीप के पारिवारिक वारिसों को बलड मनी देकर उसको जेल से रिहा करवाया। संदीप के वारिसों का कहना है कि संदीप को देखकर उन्हें भी पुन: जीने की इच्छा जागी है जो संदीप के वापिस आने की उम्मीद छोड़ चुके थे।
– सुनीलराय कामरेड