लुधियाना-अमृतसर : सर्वोच्च आस्था केंद्र सचखंड श्री दरबार साहिब अमृतसर के लिए माथा टेकने आने वाली देश-विदेश की संगत के लिए जल्द ही बायोगैस से बनाया गया गुरूघर का लंगर और प्रसादा छकाया जाएंगा, ताकि अन्य प्रकार के ईधन से होने वाले पर्यावरण नुकसान से बचा जा सकें। एसजीपीसी ने फैसला लिया है कि भविष्य में श्री गुरु राम दास लंगर भवन में संगत के लिए लंगर बायोगैस प्लांट की सहायता से तैयार होगा। इससे जहां एलपीजी और लक ड़ी का उपयोग कम होगा वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा।
इस प्रोजेक्ट को एसजीपीसी हिंदोस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन की सहायता से लागू करेगी। एचपीसीएल यह प्रोजेक्ट कारपोरेट सोशल रिस्पांसेबिलिटी के तहत लगा रही है। इसके लिए एचपीसीएल की एक टीम ने श्री हरिमंदिर साहिब का दौरा भी किया है और प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर काम भी पूरा हो चुका है। इस संबंधी एजीपीसी ने एक रिपोर्ट भी दी है।
एसजीपीसी प्रवक्ता व सचिव दिलजीत सिहं बेदी ने कहा कि एसजीपीसी इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एपीसीएल के कुछ अधिकारी भी रिपोर्ट को लेकर हरिमंदिर साहिब का दौरा कर चुके है। हरिमंदिर साहिब के लंगर भवन में हर रोज लाखों लोग लंगर छकते हैं। बहुत सारी सब्जियां भी लंगर के लिए आती है। कोई भी सब्जी किसी तरह वेस्ट न हो और इस वेस्टेज को रोकने के लिए एसजीपीसी बायो गैस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
हर रोज लंगर में सौ से अधिक एलपीजी सिलेंडरों की खपत होती है प्रोजेक्ट शुरू होने से यह भी कम हो जाएगी। इसी बीच नगर निगम कमिशनर सोनाली गिरी ने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर घर में बायोगैस प्रोजेक्ट लगने से जहां पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। वही एलपीजी सिलेंडरों खपत भी कम होगी। नगर निगम भी इस प्रोजेक्ट में हर तरह के सहयोग के लिए तैयार है। विशेषज्ञों ने इस प्रोजेक्ट के लिए रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब काम शुरू होना है। टैकनीकल टीम ने इस की जांच भी कर ली है।
– सुनीलराय कामरेड