जलियांवाले बाग के नरसंहार की 100वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे राहुल गांधी - Punjab Kesari
Girl in a jacket

जलियांवाले बाग के नरसंहार की 100वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे राहुल गांधी

जलियांवाले बाग के खूनी नरसंहार के 100 साल पूरा होने के अवसर पर आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल

लुधियाना-अमृतसर : जलियांवाले बाग के खूनी नरसंहार के 100 साल पूरा होने के अवसर पर आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जलियांवाले बाग स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान राहुल गांधी ने शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा। इस अवसर पर उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब प्रदेश कांगे्रस प्रधान सुनील जाखड़ और अमृतसर से कांग्रेस के प्रत्याशी गुरजीत सिंह ओजला के अलावा केबिनेट मंत्री सुखबिंद्र सिंह सरकारियां समेत अन्य नेता मोजूद थे।

इससे पहले भारत में ब्रिटिश हाइ कमीशन सर डोमोनिक एसकूइथ ने भी अपने अधिकारियों के साथ जलियांवाले बाग के स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की। वह अपने डेप्युटी के साथ आए थे। उन्होंने निहत्थी भीड़ पर ब्रिटिश सेना की फायरिंग को शर्मनाक कृत्य बताया। लेकिन इस घटना पर उन्होंने माफी नहीं मांगी। इस मोके जलियांवाले बाग नैशनल मैमोरियल सचिव श्री एस के मुखर्जी भी उनके साथ थे।

सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने पहुंचे राहुल गांधी, किवाड़ बंद पर दर्शनीय डियोढी से ही टेका माथा

हाई कमीश्रर सर डोमनिक एसकूइथ ने जलियांवाले बाग की विस्टर बुक पर अपनी भावनाओं को प्रकट करते हुए लिखा, ‘जलियांवाले बाग में जो कुछ भी 100 वर्ष पहले हुआ, वह ब्रिटिश भारतीय इतिहास का शर्मनाक हिस्सा था, उस दौरान जो कुछ भी घटित हुआ और लोगों को जो भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा, उसके लिए हम तहदिल से शर्मिंदगी महसूस करते है।’ उन्होंने अपने संदेश में यह भी लिखा कि वे इस बात से खुशी महसूस करते है कि आज यूके और भारत में गहरे और मिलनसार संबंध है। यह रिश्ते काफी आगे बढ़ चुके है और 21वी सदी में सहयोग के लिए वचनबद्ध है।

राहुल गांधी बीती रात ही अमृतसर पहुंचे थे। जहां राजासांसी हवाई अडडे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने स्वागत किया। राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देने के बाद मेमोरियल की विजिटर बुक में संदेश लिखा, ‘ आजादी के लिए जो कीमत चुकाई गई, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। हम भारत के लोगों को सलाम करते हैं, जिन्होंने देश की आबादी के लिए अपना सब-कुछ न्योछावर कर दिया। ’

स्मरण रहे 13 अप्रैल, 1919 को ब्रिटिश सेना द्वारा नरसंहार किया गया था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों निहत्थे, निर्दोष भारतीयों पर गोलियां चलाईं, जो ब्रिटिश सरकार के दमनकारी रौलट अधिनियम के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे।

बीती शाम भी जलियांवाला बाग हत्याकांड की 100वीं बरसी की पूर्व संध्या पर छात्रों, स्थानीय निवासियों और आगंतुकों सहित सैकड़ों लोगों ने अमृतसर में कैंडललाइट मार्च निकाला। ब्रिटिश सरकार ने 100 साल बाद भी नरसंहार पर महज खेद जताया है।

– सुनीलराय कामरेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।