लुधियाना- तरनतारण : पंजाब की धूल-मिटटी में जमी-पली और पढ़ी-लिखी पंजाबन पहलवान नवजोत कौर ने एशियन चैम्पियनशिप में सोने का तगमा जीतकर भारत की प्रथम एशियन महिला चैम्पियनशिप पहलवान बनने का गौरव हासिल किया। भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती जिले तरनतारण के गांव बागडिय़ा की मिटटी को अपने कदमों तले नापने वाली 28 वर्षीय नवजोत कौर ने किरंगस्थान के शहर बिस्सेशक में चल रही सीनियर एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप के 65 कि.ग्रा. भार वर्ग के फ्री स्टाइल कुश्ती मुकाबले में गोल्ड प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया तो गांव में नवजोत के पिता सुखचैन सिंह और ज्ञान कौर खुशी से उछल पड़े।
गांववासियों ने बेटी की सफलता के बाद बुजुर्ग माता-पिता को कंधों पर उठा लिया और फिर बधाईयों का सिलसिला एक बार चला तो अब भी जारी है। इधर पंजाब कुश्ती संस्थान के प्रधान पदमश्री करतार सिंह ने बताया कि पहली बार पंजाब की बेटी नवजोत कौर ने एशिया में सोने का तमगा जीता है। जिस कारण पंजाब कुश्ती संस्था द्वारा विशेष सम्मान देेने का कार्यक्रम बनाया जाएंगा।
नवजोत कौर ने फाइनल मुकाबले में जापान की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मुईईमाउ को 9-1 के बड़े अंतराल से हराकर सोने के तगमे को अपने गले का शिंगार बनाया। इससे पहले वह राष्ट्रमंडल खेल गलसागो में कांस्य का तगमा भी जीत चुकी है। वह एशियन चैम्पियनशिप में भी सिलवर और कांस्य का 1-1 और कुश्ती विश्व कप में तीसरा स्थान हासिल कर चुकी है। किसान परिवार से संबंधित नवजोत कौर के पिता सुखचैन सिंह और बड़ी बहन नवजीत कौर ने तरनतारन में बहन के आगमन को लेकर गांववासियों के साथ ढोल धमाके से स्वागत की तैयारियां करनी शुरू कर दी है।
जानकारी के आधार पर यह भी पता चला है कि नवजोत कौर चैम्पियन बनने के बाद सोमवार की दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेंगी। जिसके बाद गांववासी और पारिवारिक सदस्य उसे लेने एयरपोर्ट पर भी जा सकते है। फिलहाल अर्जुन अवार्डी पहलवान करतार सिंह ने नवजोत कौर की इस उपलब्धि पर गर्व करते हुए कहा कि देर से ही सही पंजाब के पहलवानो ने अपनी जीत का सिलसिला शुरू किया है। उन्होंने यह भी बताया कि तरनतारण की भूमि पहलवानों के लिए पूजनीय रही है और इसी मिटटी में कई नामी पहलवानों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया है। स्मरण रहे कि नवजोत कौर की बड़ी बहन नवजीत कौर ने भी पहलवानी में कई पदक हासिल किए है।
– सुनीलराय कामरेड
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