पंजाब : यूनाइटेड अकाली दल ने धर्म युद्ध खोला मोर्चा - Punjab Kesari
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पंजाब : यूनाइटेड अकाली दल ने धर्म युद्ध खोला मोर्चा

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लुधियाना-अमृतसर : पंजाब की चिरपरिचित लंबित मांगों को लेकर गुरू की नगरी अमृतसर स्थित यूनाइटेड अकाली दल द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब पर भारी सुरक्षा प्रबंधों के बीच अरदास के उपरांत आज चेतावनी मार्च निकाला गया। मार्च से पहले यूनाइटेड अकाली दल के प्रधान भाई मोकम सिंह, वरिष्ठ उपप्रधान वासन सिंह जफरवाल, सतनाम सिंह मनावा की अगुवाई में सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं और महिलाओं और बच्चों ने गुरूद्वारा संतोखसर में मांगों के संबंध में बैनर और पैमफलट थामे इकटठे होकर जुलूस की शकल में श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे। जिक्रयोग है कि सबसे पहले यह मोर्चा 4 अगस्त 1982 को अपनी मांगों के संबंध में शुरू किया गया था, जिसको धर्म युद्ध मोर्चे का नाम मिला था, उस वकत पंजाब के धधकते मामलों को लेकर यह मोर्चा श्री अकाल तख्त साहिब से शुरू हुआ था। तब अनगिनित सिंहों और सिंहनियों द्वारा गिरफतारियां दी गई थी।

मार्च पास्ट की प्रधानगी कर रहे पार्टी के कनवीनर भाई मोकम सिंह के अनुसार धर्म युद्ध मोर्चे को लेकर 35 साल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है, परंतु आज भी पंजाब की मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। पंजाब की मुख्य मांगों का जिक्र करते हुए भाई मोकम सिंह ने कहा कि पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ पंजाब को दी जानी चाहिए और आनंदपुर साहिब के प्रस्ताव में दर्ज मांगों को जल्द पूरा किया जाएं।

उन्होंने चेतावनी मार्च में शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह भी बताया कि पंजाब के दरिया पानी का बंटवारा और जेलों में सजा पूरी कर चुके नजरबंद सिखों की रिहाई तुरंत होनी चाहिए। उन्होंने राज्य की अधिकारित मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के नाम एक मांग पत्र जिला प्रशासन को सौंपा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मोकम सिंह ने बताया कि जुलाई 1982 में जो धर्म युद्ध मोर्चा दमदमी टकसाल के तत्कालीन प्रमुख संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले द्वारा शुरू किया गया था, उसको उस वक्त के शीर्ष अकाली दल के नेताओं ने अपना समर्थन दिया था। संत हरचरण सिंह लौंगोवाल ने इस मोर्चे का डिक्टेटर बनाया गया था। उस वक्त गिरफतारी के लिए पहले जत्थे में स. प्रकाश सिंह बादल भी हाजिर थे।

उन्होंने कहा कि इस धर्मयुद्ध मोर्चे के कारण ही आस्था के केंद्र और सिखों की सर्वोच्च शक्ति स्थल श्री अमृतसर स्थित दरबार साहिब पर सैनिक हमला हुआ। इस दौरान सिख नौजवानों की शहादतें हुई। अकाली दल को राजसत्ता मिली कि ंतु धर्म युद्ध मोर्चे के दौरान सरकार के सामने रखी गई मांगे आज भी मंजूरी की इंतजार में लटक रही है। भाई मोकम सिंह ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमने ना तो धर्म युद्ध मोर्चा हारा है और ना ही विजय घोषित हुए है और हमारा संघर्ष आज भी जारी है और तब तक जारी रहेंगा जब तक आनंदपुर साहिब के प्रस्ताव में दर्ज मांगों को पूरा नहीं किया जाता।

– सुनीलराय कामरेड

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