लुधियाना : पिछले लंबे अरसे से शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पार्टी संरक्षक प्रकाश सिंह बादल से नाराज चल रहे टकसाली सिख नेताओं ने आज राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा की रहनुमाई में हजारों पार्टी वर्करों की उपस्थिति में ‘बोले सो निहाल’ के जयकारों की गूंज के दौरान बाप-बेटे (सुखबीर और प्रकाश सिंह बादल) को पंथ और पार्टी से बाहर निकालने का ऐलान किया है। यह प्रस्ताव आज राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींढसा द्वारा सुखबीर सिंह बादल को ‘जैसे को तैसा’ जवाब देने के लिए संगरूर की दानामंडी में हुई रैली के दौरान लिया गया।
इस अवसर पर बागी टकसाली नेताओं ने जिनमें माझा के जरनैल कहे जाने वाले बुजुर्ग पंथक नेता रंजीत सिंह ब्रहमपुरा, श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार भाई रंजीत सिंह, रविइंद्र सिंह, मंजीत सिंह जीके, करनैल सिंह पीर मोहम्मद, हरसुख इंद्र सिंह बबी बादल, बीर दविंद्र सिंह, परमिंद्र सिंह ढींढसा, सेवा सिंह सेखवां और बलवंत सिंह रामूवालिया ने भी मंच से संबोधित करते हुए बादल परिवार के खिलाफ लोगों को डट जाने का आहवान किया। इस दौरान पंथक नेताओं ने अकाली दल को घेरने के साथ-साथ केप्टन सरकार के खिलाफ भी खूब रगड़े लगाएं। इस अवसर पर सुखदेव सिंह ढींढसा ने कांग्रेस और अकाली दल की मिली-भगत के आरोप लगाएं। उन्होंने कहा कि संगरूर में आज हुए इकटठ ने सुखबीर सिंह बादल का अहंकार तोड़ा है।
दिलचस्प है कि इसी स्थल पर ढींढसा परिवार द्वारा की गई रैली में उसी प्रकार प्रस्ताव पास करके सुखबीर सिंह बादल को पंथ से निकाला गया है, जेसे कुछ समय पहले सुखबीर बादल ने अपने पिता प्रकाश सिंह बादल की मोजूदगी में सुखदेव सिंह ढींढसा और पूर्व केबिनेट मंत्री परमिंद्र सिंह ढींढसा को पार्टी से निकाला था। आज दानामंडी में हुए बड़े इकटठ के दौरान ढींढसा परिवार ने ऐलान किया कि आने वाले शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों के दौरान वह अकाली दल टकसाली से मिलकर प्रबंधक कमेटी के चुनाव लड़ेंगे और उसके बाद होने वाली विधानसभा चुनावों में भी हिस्सा बनेंगे। सुखदेव सिंह ढींढसा ने घोषणा की कि वह अकाली दल टकसाली से मिलकर बादलों को पंथ से निकालने का काम करने के बाद सियासत से भी दूर करेंगे।
सुखदेव सिंह ढींढसा ने यह भी कहा कि भले ही अकाली दल के कुछ लोग आज की रैली को कांग्रेस की रैली कह रहे है लेकिन सच सबके सामने है कि लोग किस तरफ खड़े है, क्योंकि उपस्थित लोग किसी विशेष व्यकित के समर्थक नहीं बल्कि अकाली दल की सची सोच के समर्थक है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद अकाली दल की पुरानी सोच को विकसित करना है जबकि बादल परिवार द्वारा उसे खत्म किया जा रहा है।
ढींढसा ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल अपनी रैली में ढींढसा परिवार के भोग डालने की बातें करके गए थे। आज मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अब उनसे अधिक इकटठ यहां मोजूद है। उन्होंने कहा कि जब बादल परिवार मेरे बारे में मंच से आपतिजनक संबोधन करके गए थे, तो गांववासियों ने मुझे कहा था कि वे उसी स्थल पर एक कांफ्रेंस करके बादलों का अहंकार तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र ङ्क्षसह और बादल परिवार आपस में मिले हुए है। किसी भी साधारण व्यकित से पूछा जाएं तो वह भी यही कहेंगा कि दोनों में मिली-भगत है। आज भी पहले की तरह ही बादलों की बसें और केबल का व्यापार चल रहा है। कैप्टन पर निशाना साधते ढींढसा ने कहा कि कैप्टन ने एक भी वायदा पूरा नहीं किया। आज प्रत्येक वर्ग सडक़ पर कैप्टन के खिलाफ उतरा हुआ है।
आज ढींढसा ने यह भी स्पष्ट किया कि विरोध सिर्फ उन्होंने ही नहीं बल्कि पार्टी में रहते हुए काफी समय पहले शुरू किया था। ढींढसा ने घोषणा की कि अकाली दल से नाराज चल रहे कई वरिष्ठ नेता अगले हफते के बाद उनसे जुड़ रहे है। ढींढसा बाप-बेटे के मंच पर जहां अकाली दल टकसाली के सभी बड़े नेता एक होकर पहुंचे वही परमिंद्र सिंह ढींढसा ने घोषणा की कि हमारा सब का मकसद सिर्फ एक है कि सबसे पहले एसजीपीसी को किसी भी प्रकार से बादलों के चुंगल से आजाद करवाया जाएं। उन्होंने कहा कि लगातार एसजीपीसी और अकाल तख्त पर सवाल खड़े हो रहे है।
-सुनीलराय कामरेड