लुधियाना : पंजाब सरकार में खेलों व युवा मामलों के विभागीय कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने व्यापारिक घरानेे तथा विभिन्न बोर्डो को अपील करते कहा कि वह सूबे में खेलों के विकास के लिए खिलाडिय़ों तथा टीमों को अपनाने के लिए आगे आए ताकि खिलाडिय़ों की हर तरह की जरुरतों को पंजाब सरकार व्यापारिक घराने के सहयोग से ओर बहतरीन तरीके से पूरा कर सके। गुरु नानक देव भवन में पंजाब सरकार की ओर से महाराजा जस्सा सिंह रामगढिया के 295 वें जन्म दिवस संबंधी रखे गए राज्य स्तरीय समारोह के बाद राणा सोढी ने कहा कि पंजाब में खेलों तथा खिलाडिय़ों की तरक्की के लिए बकायदा खाका तैयार किया जा रहा है। ताकि पंजाब की खेलों में बादशाहत कायम की जा सके। उन्होंने लुधियाना में खेलों की उन्नति और खिलाडिय़ों को जरूरी सहायता देने के लिए करोड़ों रूपए जल्द ही ग्रांड के रूप में देने का वायदा भी किया।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में व्यापारिक धराने तथा बोर्ड बड़ा सहयोग दे सकते है, जिसके लिए उन्हें आगे आना चाहिए। पंजाब सरकार जल्द ही इस प्रस्ताव को हकीकत में बदलने के लिए प्रयत्न कर रही है। इस संबंधी बोर्ड के मुख्य तथा व्यापारिक घरानों से मीटिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब खेल विभाग तथा खिलाडिय़ों का पहला निशाना अब राष्ट्रीय खेल है। जिनमें पंजाब के प्रदर्शन में सुधार करने है। इसके बाद राष्ट्रीय तथा ओलंपिक स्तर पर पंजाबी खिलाडियों का बढिया प्रदर्शन यकीनी बनाने के लिए तैयारिया करवाई जाएगी। पंजाब के खिलाडियों की खेलों तथा खुराक जरुरतों को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार की ओर से विशेष फंड कायम किया जाएगा। खिलाड़ी को उसकी योग्यता तथा प्रदर्शन मुताबिक नौकरी मुहिया करवाई जाएगी। इस मौके पर ऐलान किया कि जल्द ही लुधियाना के स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ की मुरम्मत करवाई जाएगी तथा इंडोर स्टेडियम को मुकमल करने के लिए रहती कमियों को पूरा किया जाएगा।
खेल मंत्री ने पूछे गए एक सवाल के जवाब पर यह भी कहा कि पंजाब में प्राचीन खेल और विशेषकर बैलगाडिय़ों की दौड़ जल्द शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार बैल दौड़ करवाने के लिए विशेष प्रवीजन करेंगी। उन्होंने इशारों ही इशारों में यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह व अन्य सहयोगियों के साथ चर्चा हो रही है। स्मरण रहे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उपरांत बैलों की दौड़ में पंजाब में पाबंदी लगी है। अदालत ने जानवरों पर अत्याचार की दलीलों के साथ सहमति रखते हुए बैल दौड़ पर पाबंदी लगाई थी। राणा सोढी ने यह भी कहा कि बैलों के साथ कोई भी अत्याचार नहीं होता बल्कि बैलों के मालिक उन्हें दिलों-जान से प्यार करते है। सडक़ों पर लावारिस घूमते बैलों की तरह उनका बुरा हाल तो नहीं। उन्होंने कहा कि अन्य प्राचीन खेलों की तरफ भी ध्यान दिया जाएंगा।
समारोह को संबोधित करते हुए राणा सोढी ने कहा कि सिक इतिहास में महाराजा जस्सा सिंह रामगढिया तथा अन्य सिक सरदारों की बहादुरी की मिसाले सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। सिख पंथ की स्थापना श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने की परंतु सिख पंथ को मजबूती विभिन्न मिसलों तथा अन्य सिख नेताओं ने दी। उन्होंने कहा कि जस्सा सिंह रामगढिया की ओर सेे सिख भाईचारे की मजबूती में महान योगदान पाया गया। उनका जीवन हमारे लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है। हमें उनके जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए। इस मौके पर रामगढिया भाईचारे की मांग व भाईचारे की भलाई के लिए 15 लाख रुपए की ग्रांट जारी करने का ऐलान किया।
लोक सभा मैंबर रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सिखों तथा पंजाबियों की बहादुरी की मिसाले विश्व में ओर कहीं नहीं मिलती। पंजाब सरकार तथा कांग्रेस पार्टी इतिहास तथा पंजाबियों की बहादुरी की मिसालें संभालने के लिए वचनबद्ध है। बिट्टू ने कहा कि गुरु नानक स्टेडियम के एस्ट्रोटर्फ को बनाने समेत अन्य मांगे भी राणा सोढी के सामने रखी। समारो को विधायक कुलदीप सिंह वैद, जिला कांग्रेस प्रधान गुरदेव सिंह लापरा, सीनियर कांग्रेसी नेता कमलजीत सिंह कलवड़ आदि ने भी संबोधित किया।
– रीना अरोड़ा
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