पंजाब : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब मंत्रिमंडल ने गुरुवार को राज्य में एक नई कृषि नीति बनाने को मंजूरी दे दी, ताकि एक तरफ किसानों का कल्याण सुनिश्चित किया जा सके और दूसरी तरफ खाद्य उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। इस आशय का निर्णय गुरुवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके आधिकारिक आवास पर आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नई कृषि नीति सभी प्रमुख हितधारकों को विश्वास में लेकर तैयार की जाएगी।
Highlight :
- पंजाब में एक नई कृषि नीति बनाने को मिली मंजूरी
- नई कृषि नीति सभी प्रमुख हितधारकों को विश्वास में लेकर तैयार की जाएगी
- भगवंत मान सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर VAT बढ़ाया
शिक्षा नीति शुरू करने पर भी बनी सहमति
मंत्रिमंडल ने कौशल और तकनीकी आधारित शिक्षा पर विशेष जोर देने के लिए राज्य में शिक्षा नीति शुरू करने पर भी अपनी सहमति दी। इससे राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और वे पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास का अभिन्न अंग बनेंगे। यह नीति राज्य में शिक्षा को प्रभावी रूप से बदलने पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि युवाओं को इसका भरपूर लाभ मिल सके। मंत्रिमंडल ने अधिक से अधिक व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए लंबित वैट (मूल्य वर्धित कर) मामलों के लिए ओटीएस III के दायरे का विस्तार करने पर भी अपनी सहमति दी।
यह देखा गया कि चल रही योजना से व्यापारियों को काफी लाभ हुआ है और पिछली योजनाओं की तुलना में, जो पूरी तरह से फ्लॉप रही थीं, राज्य सरकार ने इस ओटीएस योजना के माध्यम से पिछले वित्तीय वर्षों की तुलना में 164 करोड़ रुपये अधिक कमाए हैं। सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने डीजल पर वैट की दर 12.00 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 10.02 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) जो भी अधिक हो, से बढ़ाकर 13.09 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 10.94 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) जो भी अधिक हो, करने की मंजूरी दी है।
इसी प्रकार पेट्रोल पर वैट की दर 15.74 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 14.32 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) जो भी अधिक हो, से बढ़ाकर 16.52 प्रतिशत + 10 प्रतिशत सरचार्ज या 14.88 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित) जो भी अधिक हो, करने की मंजूरी दी है। इसके परिणामस्वरूप डीजल पर वैट की दर 92 पैसे प्रति लीटर और पेट्रोल पर 0.61 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएगी। राज्य सरकार ने 7 किलोवाट से अधिक लोड वाले बिजली उपभोक्ताओं को दी जा रही सब्सिडी भी समाप्त कर दी है। इससे राज्य के राजस्व में करीब 2400 से 3000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी।
राज्य में अच्छे वाहनों और तिपहिया ऑटो रिक्शा के मालिकों को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने हर तिमाही के बाद कर का भुगतान करने की प्रक्रिया को खत्म करने की मंजूरी दे दी है, जिससे मालिकों को परेशानी होती थी। इन पुराने वाणिज्यिक वाहनों के मालिक अब अपने वाहनों का एकमुश्त कर सालाना जमा कर सकते हैं, जिससे उनका समय, पैसा और ऊर्जा बचेगी। ऐसे नए वाहनों के खरीदारों को चार साल या आठ साल तक यह कर चुकाने का विकल्प दिया गया है, जिससे उन्हें क्रमशः 10% या 20% की छूट मिलेगी।
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