बादल द्वारा प्रो. बडूंगर के साथ लुधियाना में बंद कमरे में हुई बैठक - Punjab Kesari
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बादल द्वारा प्रो. बडूंगर के साथ लुधियाना में बंद कमरे में हुई बैठक

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लुधियाना : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता स. प्रकाश सिंह बादल ने आज लुधियाना के जिगरी यार और प्रसिद्ध होलसेल दवा विक्रेता भाऊ भगवान सिंह के रिहायशी स्थल पर शिरोमणि गुरूद्धारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर के साथ एक बंद कमरे मं महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक के दौरान किसी भी शख्स को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। हालांकि बैठक के उपरांत दोनों में से किसी ने भी कुछ भी कहने से गुरेज किया परंतु पंथक हलकों में कयास लगाया जा रहा है कि इस विशेष बैठक का मुददा कुछ दिन पहले शिरोमणि कमेटी के प्रचारक ग्रंथी सिंहों द्वारा दरबार साहिब कोम्पलैक्स की देहरी में कमेटी के खिलाफ किए गए रोष प्रदर्शन के बारे में था।

उधर चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत उपरांत पूर्व मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने जीएसटी के मामले में पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की नालायकी कहा है। उन्होंने कहा कि यह नालायकी ही है कि मनप्रीत सिंह बादल ने दरबार साहिब व अन्य धार्मिक स्थानों पर जीएसटी मामले के बारे में केंद्र सरकार के पास सही ढंग से पक्ष नहीं रखा और ना ही किसी प्रकार की उचित पैरवी की। उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी पंजाब सरकार अपने हिस्से का टैक्स माफ कर सकती है।

पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि कैप्टन ने करोड़ों पंजाबियों के साथ धोखा करके सत्ता हासिल की है। इस धोखे का सबसे ज्यादा नुकसान पंजाबी किसानों और कारखानेदारों को झेलना पड़ रहा है। स. बादल ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह की कारगुजारी पर सवालियां निशान खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ना तो लोगों की मुश्किलों को हल कर पा रही है और ना ही विकास के लिए कोई सही योजना और रूपरेखा है। किसानों के कर्जामाफी के मुददे पर कैप्टन अपने पहले किए वायदों से वायदा खिलाफी कर चुका है और पंजाब में कानून व्यवस्था दिनों दिन बिगड़ रही है।

अकाली भाजपा की सत्ता का जिक्र करते हुए प्रकाश सिंह बादल ने यह भी कहा कि उस वक्त उनके राज में बिजली सरपरस्त रहती थी और आज उस सरपरस्त बिजली का कोई भी फायदा कारखानेदारों को नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में ना तो मजदूरों को और ना ही किसानों को कोई फायदा मिल रहा है जबकि बैंक के डिफाल्टर किसानों की इज्जत नीलाम की जा रही है। उनकी तस्वीरें भगौड़ों की तरह बैंक की दीवारों पर सुशोभित है, जो किसानों की मानसिक परेशानी में बढ़ौतरी कर रही है।

 –सुनीलराय कामरेड

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