2018 में यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले का दोषी पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ मोहाली पॉक्सो कोर्ट में 28 मार्च को सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया और 1 अप्रैल को सजा सुनाने का फैसला सुनाने पर मुहर लगी थी। आज पादरी बजींदर सिंह की मोहाली POCSO कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई के दौरान पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुना दी है।
पंजाब | मोहाली कोर्ट ने 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। pic.twitter.com/2mm5OWLGGB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2025
7 वर्ष बाद मिला इंसाफ
पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद पीड़िता ने खुशी जताते हुए कहा कि अगर बजिंदर को छोड़ दिया जाता तो वह जेल से बाहर आने के बाद भी ऐसा ही अपराध करता। इसलिए उसका जेल में रहना ही सही है। साथ ही पीड़िता ने DGP से अनुरोध करते हुए सुरक्षा की मांग की है क्योंकि पीड़िता पर हमला होने की आशंका है।
पादरी Bajinder यौन उत्पीड़न और बलात्कार मामले में दोषी करार, POCSO कोर्ट ने सुनाया फैसला
क्या था मामला ?
पादरी बजिंदर जालंधर का रहने वाला निवासी है और उसका दावा था कि वह बिमारियों को चमत्कार के जरिए ठीक कर सकता है। बता दें कि 2018 वर्ष में शिकायकर्ता ने बजिंदर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस आरोप के कारण पंजाब पुलिस ने धारा 74, धारा 351 (2), धारा 115 (2), 126 (2) के तहत FIR दर्ज की थी। इन धाराओं ने पादरी बजिंदर की मुश्किलें बढ़ा दी थी।
पीड़िता का आरोप
पीड़िता ने बजिंदर आरोप लगाते हुए कहा कि बजिंदर ने उन्हें अपने निवास स्थान में बुलाया और दुष्कर्म किया। साथ ही दुष्कर्म करने की पूरी घटना को कैमरे में रिकॉर्ड भी किया। दुष्कर्म करने के बाद बजिंदर पीड़िता को ब्लैकमेल करता था, धमकी भी देता था। पीड़िता के बयान के आधार पर ही 2018 में मामला दर्ज किया गया था। 2018 में केस दर्ज होने के बाद आज 7 वर्ष बाद इंसाफ मिला है और बजिंदर को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है।