पंजाब विधानसभा में हंगामे के बीच बजट पारित - Punjab Kesari
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पंजाब विधानसभा में हंगामे के बीच बजट पारित

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पंजाब विधानसभा में आज अकाली दल के हंगामे के बीच बजट अनुमानें पारित कर दी गईं। सदन में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बजट पर आज जवाब देते हुये कहा कि वह कभी तकरार में यकीन नहीं रखते लेकिन अकाली दल को यह बर्दाश्त नहीं कि उन्हें वित्त मंत्री क्यों बनाया गया। उनकी नजर में वह विफल खजाना मंत्री हैं जबकि वह छठी बार यह जिम्मा संभाला है।

उन्होंने कहा कि सात दशक के इतिहास में बादल परिवार के सदस्यों से लेकर उनके नौकर के भी नौकर बेरोजगार नहीं रहे लेकिन पंजाब का नौजवान बेरोजगार घूमता रहा। अकाली बार बार उन पर आरोप लगाते हैं कि उन्हें वित्त विभाग चलाना नहीं आता। वह सच ही तो कहते हैं क्योंकि उनके नौकरों की कोठियां भी मुझसे बड़ हैं।उन्होंने सरकार से कभी हवाई जहाज की टिकट से लेकर कोई सुविधा नहीं मांगी जबकि बादलों का साल का हेलीकाप्टर का खर्चा 15 करोड़ आता था।

उन्होंने कहा कि वह एक किसान हैं तथा परमात्मा ने जितना उन्हें दिया है उससे ही संतुष्ट हैं। उनके कोई कारोबार नहीं है। उन्हें किसी चीज की अब चाह भी नहीं। श्री बादल ने कहा कि बादलों (प्रकाश सिंह बादल,सुखबीर बादल )को मुगालता है कि भाखड़ बांध,पीएयू,हरित क्रांति से लेकर पंजाब में जितना विकास हुआ उनके कारण हुआ लेकिन यह जो तरक्की दिखायी देती है सब कांग्रेस की देन है।

उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने उन्हें पांच साल के लिये चुना और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन पर भरोसा किया।मैं राज्य के लोगों की अमानत में ख्यानत नहीं कर सकता। पिछली बादल सरकार ने पंजाब पर 30 हजार करोड़ का हर व्यक्ति के सिर पर दस हजार के हिसाब से बोझ डाला है। लेकिन कांग्रेस की कारगुजारी अच्छी रही है और पंजाब की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना हमारी जिम्मेदारी है तथा अगले चार साल में इसके परिणाम मिलने शुरू हो जायेंगे।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2007 में जब अकाली -भाजपा सरकार आयी तो पंजाब प्रति व्यक्ति आय में नंबर वन था और आज ज्ञारहवें नंबर पर है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल का यह आरोप गलत है कि हमने बजट के आंकडों में हेराफेरी की। ऐसा करने में तो वे ही माहिर हैं।जो मंसूबे हमने रखे हैं वे पूरे होंगे और प्राप्तियों में तीस फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है।सोलह प्रतिशत तो जीएसटी का मुआवजा आ रहा है तथा वैट में भी इस बार वृद्धि की संभावना है।

उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि सरकार पंजाब को विकास और समृद्धि के रास्ते पर लाकर उसका पुराना गौरव दिलायेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल बजट में कोई और कर लगाने का इरादा नहीं है। पंजाब को तबाहशुदा राज्यों की पंक्ति में खड़ करने वाले बादलों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

श्री बादल ने कहा कि कारोबार का पहिया तेजी से चले,कृषि,उद्योग,रीयल एस्टेट को मंदी से उबारना उनका उद्देश्य है। पंजाब अपने पैसे से ही पैरों पर खड़ होगा और बेरोजगारी दूर होगी।

इसके बाद सदन ने दस बिल पारित किये जिनमें पंजाब पुलिस संशोधन बिल 2018, पंजाब पब्लिक सेवाओं की डिलीवरी में पारदर्शिता तथा जवाबदेही बिल,पंजाब उप मंत्रियों के वेतन तथा भत्ते संशोधन बिल,पूर्वी पंजाब मंत्री वेतन संशोधन बिल,सिगरेट तथा तंबाकू उत्पाद तथा विज्ञापन तथा रोक,व्यापार,वाणिज्य उत्पादन सप्लाई तथा वितरण संशोधन बिल,पंजाब स्टेट विकास कर बिल,विपक्षी नेता के वेतन तथा भत्ते संशोधन बिल,पंजाब गैर कानूनी कालोनियों को नियमित करने संबंधी बिल,पंजाब सामाजिक सुरक्षा बिल और पंजाब सड़कें विकास बोर्ड संशोधन बिल भी तीखी नोकझोंक के बीच पारित कर दिये गये।

हालांकि बजट पर जवाब के दौरान वित्त मंत्री मनप्रीत बादल तथा अकाली दल के विक्रम मजीठिया के बीच तीखी नोंकझोक हुई जिसके बीच भाजपा तथा अकाली सदस्यों ने वाकआउट किया। आम आदमी पार्टी ने बिलों को पेश करते समय उन पर चर्चा की मांग की लेकिन उन्हें बोलने का समय नहीं दिया गया और जल्द ही सभी दस बिल पारित कर दिये गये।

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