लुधियाना-अमृतसर : सिख संत समाज के आगुओं ने श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी किए गए नानकशाही कैलेंडर के विपरीत गुरूमती ज्ञान मिशनरी कालेज लुधियाना द्वारा मनगढ़ंत तरीकों के साथ संग्राध और गुरूपर्व की तारीखों को जारी किए तथाकथित कैलेंडर का सख्त नोटिस लिया है। उक्त मिशनरी कालेज को श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को चुनौती देने प्रति सख्त गुस्से का इजहार करते हुए पंथ में दुविधा खड़ी करने से बाज आने को कहा है।
दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान जत्थेदार संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा, संत बाबा बलजिंद्र सिंह राड़ा साहिब, संत बाबा हरभजन सिंह नानकसर, संत बाबा लखा सिंह, संत बाबा सुखदेव सिंह बुचेवाले, सिंह साहिब भाई जसबीर सिंह रोडे, बाबा निहाल सिंह हरियावेले समेत एडवोकेट भगवंत सिंह शिवालिक और आंतरिक कमेटी सदस्य शिरोमणि कमेटी ने मिशनरी कालेज की उपरोक्त कार्यवाही की सख्त निंदा की है और कहा है कि श्री अकाल तख्त साहिब के विपरीत किसी भी कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह द्वारा पंथ की एकता के लिए 5 मार्च को नानकशाही सम्वत 550 (2018-19) का पंथ प्रवाणित नानकशाही कैलेंडर जारी करते हुए इसको श्री गुरूनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित किया गया। समूह गुरूनानक नामलेवा संगत को शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा तैयार किए गए उक्त नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक ही गुरू पर्व और अन्य ऐतिहासिक दिवस मनाने की हिदायतें की गई। संत समाज के आगुओं ने कहा कि संग्राध एक कुदरती व्यवहार है जिसको कोई भी निश्चित तौर पर तय नहीं कर सकता।
परंतु उक्त मिशनरी कालेज द्वारा मनगढ़ंत दिनांक निश्चित करके सिख पंथ में दुविधा डालने की कोशिश की जा ही है। उन्होंने कहा कि गुरू इतिहास और सिख इतिहास को शकी बनाने के अतिरिक्त पंथक एकता को चोट पहुंचाने की पंथ विरोधी कार्यवाही से कौम को सचेत रहने की जरूरत है। उन्होंने मिशनरी कालेज के आगुओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि सिख पंथ में दुविधा डालने क ी कोशिश ना की जाएं।
– सुनीलराय कामरेड
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।