‘ न हम खुद गौरी लंकेश को भूलेंगे न ही दूसरों को भूलने देंगें ’ सम्मान के साथ पंजाब में मनाया गया गौरी लंकेश का शहीदी दिवस - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘ न हम खुद गौरी लंकेश को भूलेंगे न ही दूसरों को भूलने देंगें ’ सम्मान के साथ पंजाब में मनाया गया गौरी लंकेश का शहीदी दिवस

गौरी लंकेश भूगौलिक तौर पर भले ही हमसे काफी दूर थी। दक्षिण भारत में आना जाना आसान भी

लुधियाना :  गौरी लंकेश भूगौलिक तौर पर भले ही हमसे काफी दूर थी। दक्षिण भारत में आना जाना आसान भी नहीं था लेकिन वैचारिक स्तर पर हम सभी एक दूसरे के बहुत नजदीक थे। तानाशाह और साम्प्रदायिक शक्तियों ने गोविंद पंसारे, प्रोफेसर कुलबुर्गी और नरेंद्र दाभोलकर जैसी शख्सियतों को चुन चुनकर अपना निशाना बनाया, उसी क्रम में निडर पत्रकार के तोर पर पत्रकारिता के लिए डटी रहने वाली गौरी लंकेश को भी शहादत का जाम पीना पड़ा।  
हालांकि गौरी लंकेश ने अंग्रेजी मीडिया संस्थानों के लिए भी काफी किए लेकिन उसने अपना मुख्य आधार कन्नड़ भाषा को बनाए रखा, जो उसकी मातृभाषा भी थी। कन्नड़ में उसके पिता की स्थापित पत्रिका लंकेश का लोकप्रिय होना और उसके बाद उसकी पत्रिका गौरी लंकेश का हर बुक स्टाल पर छा जाना उसकी कलम के करिश्मे को बताता है। 
पिता का देहांत हुआ तो उनके भाई बहन मिल कर ही प्रकाशन के  कामकाज को चलाया। लेकिन नक्सलवाद से सबंधित एक खबर को लेकर विवाद उठा तो सिद्धांत और विचार के मुद्दे पर उसने अपने सगे भाई के साथ भी समझौता नहीं किया। उसने अपने पिता के हाथों स्थापित चली चलाई पत्रिका लंकेश को त्याग कर भाई को सौंप दिया और खुद गौरी लंकेश नाम की नई पत्रिका से अपना संघर्ष शुरू किया। 
कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश पर हूआ हमला वास्तव में उन विचारों पर हमला है जिनको वह समर्पित थी। उसके शहीदी दिवस को आज पंजाब से जुड़े कुछ संगठनों और बुद्धिजीवियों ने लुधियाना में स्थित सुश्री अमर कौर हाल में एक सादा सा भव्य आयोजन किया।  आयोजन करने वाले संगठन थे-लोक सुरक्षा मंच, जम्हूरी अधिकार सभा, तर्कशील सोसायटी और पीपुल्स मीडिया लिंक के साथ-साथ चुनिंदा पत्रकार शामिल थे। 
इस मौके पर वरिष्ठ विचारक ए के मलेरी, वरिष्ठ तर्कशील जसवंत जीरख, ए डी एफ आर की ओर से सतीश सचदेवा, प्रगतिशील फिल्म मेकर संदीप कुमार दर्दी, वरिष्ठ टीवी एंकर और पत्रकार हरविंदर कौर, किसानों और खेत मजदूरों की कवरेज को समर्पित पत्रक ार मैडम संदीप शर्मा, एडवोकेट अनीता, स्थानीय पत्रकार एम एस भाटिया, एटक से सबंधित अवतार छिब्बर, जन संघर्षों से जुड़ हुए एन आर आई गुरनाम सिंह गिल, युवा शायरा कार्तिका और पीपुल्स मीडिया के सक्रिय सदस्यों सहित कई लोगों ने इस आयोजन में भाग लिया। 
यह आयोजन वास्तव में एक ऐलान था कि गोदी मीडिया जिस तरह बेबस सा हो कर जन नायकों को भुलाने में लगा है हम उस साजिश को सफल नहीं होने देंगे। न हम खुद गौरी लंकेश को भूलेंगे और न ही दूसरों को भूलने देंगें। हम हर बार उसका जन्मदिन भी मनाएंगे और शहीदी दिवस भी। इस अवसर पर सभी मीडिया कर्मियों से अपील की गई कि वे अपनी स्वतंत्रता पर हो रहे सूक्ष्म आघातों को पहचानें और अपने दिल की आवाज सुनें। क्या कहती है उनकी अंतरात्मा?
– सुनीलराय कामरेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।