मान ने भी तारा की तुलना उधम सिंह से करते हुए उसे कहा सियासी कैदी - Punjab Kesari
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मान ने भी तारा की तुलना उधम सिंह से करते हुए उसे कहा सियासी कैदी

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लुधियाना-अमृतसर : सिखों की संघर्षशील और कुर्बानिया देने वाली प्राचीन संस्था दमदमी टकसाल के प्रमुख जत्थेदार संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि मुख्यमंत्री बेअंत सिंह कत्लकांड में भाई जगतार सिंह तारा के विरूद्ध सुनाई गई मौत तक उम्र कैद की सजा की घोषणा से सिख कौम के अंदर भारी रोष पाया जा रहा है। जबकि शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने भी तारा की रिहाई की मांग के साथ-साथ तारा की तुलना शहीद उधम सिंह से करते हुए कहा कि तारा सियासी कैदी है, उसे जल्द रिहा किया जाएं। दमदमी टकसाल प्रमुख हरनाम सिंह खालसा ने भारतीय न्याय प्रक्रिया में सिख कौम का भरोसा बनाए रखने के लिए भाई तारा को रिहा करने के प्रति विशेष कदम उठाए जाने की सरकार से मांग की है। दमदमी टकसाल के प्रमुख ने यह भी कहा कि भाई जगतार सिंह तारा को सुनाई गई सख्त सजा से कौम के हक हकूक के लिए संघर्षशील सिख नौजवानों के हौंसले परस्त नहीं किए जा सकेंगे।

मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के कत्ल की जिम्मेदारी अपने सिरमाथे लेकर अपने बचाव के लिए किसी भी प्रकार के कोई प्रयास और रहम की अपील ना करके भाई जगतार सिंह तारा ने कौम की रहनुमाई करते हुए पंथक सिद्धांतों, रिवायतों और परम्पराओं को कायम रखा और उसपर मजबूती के साथ पहरा दिया है। प्रो. सरचांद सिंह द्वारा जारी बयान में दमदमी टकसाल के प्रमुख ने कहा कि भाई तारा का अपने बचाव के लिए आगे ना आना भारतीय न्याय व्यवस्था पर गहरी चोट है और भारत में अल्प संख्यक कौम के साथ हो रहे अन्याय और न्याय प्रणाली में अल्प संख्यकों का भरोसा खत्म हो सकने का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि नवंबर 84 में सिख कत्लेआम के दोषियों को आज तक सजा नहीं परंतु इंद्रागांधी, राजीव और बेअंत सिंह के कातिलों के लिए दोषियों कोसजाएं हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सिख कौम अपने हक -सच के लिए लड़ाई जारी रखेंगी।

स्मरण रहे कि 31 अगस्त 1995 को बम धमाके में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की मौत हो गई थी। जबकि जगतार सिंह तारा ने यूटी के जिला और सेशन जज केा हस्तलिखित पत्र सौंप कर कबूल किया था कि बेअंत सिंह के कत्ल के वक्त वह मानव बम बने देलावर सिंह के साथ था। इससे पहले बलवंत सिंह रजोवाना भी बेअंत सिंह को कत्ल करने की जिम्मेदारी ले चुका है। जगतार सिंह तारा ने स्वयं पर कोई पछतावा या अफसोस ना करते हुए स्पष्ट किया था कि बम धमाके में मारे गए दूसरे बेकसूर लोगों के लिए उसे दुख जरूर है। तारा ने यह भी कहा कि इस घटना केा अंजाम देने का फैसला पूरी तरह सोच-विचारकर सिद्धांतों के मुताबिक लिया गया था।

– सुनीलराय कामरेड

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