लुधियाना अगिनकांड : 7 दिन चला रेस्क्यु आप्रेशन खत्म, नहीं मिले 3 फायर मैन - Punjab Kesari
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लुधियाना अगिनकांड : 7 दिन चला रेस्क्यु आप्रेशन खत्म, नहीं मिले 3 फायर मैन

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लुधियाना : पिछली 20 नवंबर को लुधियना के सुफियां चौक स्थित अमरसन प्लास्टिक फैक्टरी में धधकती आग के बाद 5 मंजिला बिल्डिंग के जमींदोज होने उपरांत मलबे से सेना, एनडीआरफ, एसडीआरएफ व प्रशासन ने संयुक्त राहत आपरेशन करके दलित नेता लक्ष्मण द्रविड समेत 13 लोगों के शव तो निकाल लिये और 2 लोगों को जिंदा बचा लिया परंतु इस हादसे में लापता हुए तीन फायरमैनों (मनप्रीत सिंह, सुखदेव सिंह और मनोहर लाल ) का कुछ अतापता नहीं लगा जबकि राहत टीम ने जिला प्रशासन की हिदायतों उपरांत छह दिन बाद मौके से पूरा मलबा उठा लिया है। रात को करीब अढाई बजे तक राहत काम पूरा करके टीमों ने अब काम बंद कर दिया है। मौके पर अब साथ वाली एक बिल्डिंग का कुछ मलबा ही शेष है। उसे प्रशासन की मंजूरी के बाद ही उठाया जाना है। तीनों लापता फायर कर्मियों व अन्य संभावित लोगों के दबे होने की सूचना थी ।

तीनों के परिवार भी छह दिन से इंतजार कर रहे थे। लेकिन अब न तो शव मिले न ही कोई सुराग । रात को टीमों आग भी बुझाती रही व मलबा भी उठाती रही। रविवार सुबह नो बजे डीसी प्रदीप अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर, नगर निगम कमिश्नर जसकरण सिंह ने अन्य अधिकारियों व एनडीआरएफ की टीम के साथ मौके का जायजा लिया तथा मौके से पूरी जानकारी हासिल की। जिसके बाद मीडिया से बातचीत में डीसी प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि मौके से पूरा शत प्रतिशत मलबा हटाया जा चुका है। जिन तीन फायर कर्मियों के अंदर फंसे होने की सूचना थी। उनके शव या कोई सुराग नहीं लग सका है। फिलहाल मलबा उठने से एनडीआरएफ का काम खत्म हो चुका है तथा अब केवल नगर निगम की टीमें उठाए गए मलबे में से मैनुअली सर्च करके लापता फायर कर्मियों का कोई सुराग जुटाने का प्रयास करेंगी। उन्होंने बताया कि जो मलबा व मशीनरी जांच में जरूरी थी, उसे जांच अधिकारियों ने अपने पास रखा है।

उन्होंने बताया कि इस मामले में सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा डिविजल कमिश्न पटियाला को जांच सांंैपी हुई है। जिसके बाद डिविजनल कमिश्नर द्वारा जांच शुरू करके संबंधित विभागों से बिल्डिंग संबंधी रिकार्ड मांगा गया है। इसके अलावा मुआवजा व नौकरी इत्यादी देने का काम भी जारी है। जिन साथी वाली बिल्डिंगों का नुकसान हुआ है, उनको भी राहत देने के लिए रेवेन्यू व निगम एसैसमेंट करेगा व कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में फैक्टरी मालिक इंद्रजीत सिंह गोला के खिलाफ एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है तथा कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बिल्डिंग बायलॉज को लेकर कडे आदेश दिए गए है लेकिन लोग फिर भी उल्लंघन करते है। जिन पर कडी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा शहर की अनसेफ बिल्डिंगों को भी चेक किया जा रहा है।

इस मौके पर पुलिस कमिश्नर आरएन ढोके ने बताया कि हादसे के बाद सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी तथा राहत के काम में जुटी रही। इसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, निगम व पुलिस के साथ साथ एनजीओ व स्थानीय नेताओं ने भ्भी बहुत अच्छा काम किया तथा एक टीम वर्क से ही राहत काम जल्दी संभव हो पाया। इसमें पुलिस ने फैक्टरी मालिक इंद्रजीत सिंह गोला के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज करके उसे गिरफतार किया जा चुका है तथा उसे पूछताछ चल रही है। यह बिल्डिंग पूरी तरह इललीगल ढंग से थी तथा यहां पर कैमिकल भी पूरी तरह इललीगल ढंग से स्टोर था । अब पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी हुई है। डिविजनल कमिश्रर पटियाला भी जांच कर रहे है। भविष्य में इसके पीछे जिसकी भी मिलीभगत सामने आई, उसे भी नामजद किया जा सकता है।

इस मौके पर नगर निगम कमिश्नर जसकरण सिंह ने बताया कि नगर निगम द्वारा शहर भर की आवासीय क्षेत्रों में चल रही फैक्टिरयों का सर्वे किया जा रहा है तथा इनकी पूरी तरह से जांच की जाएगी तथा यह जांच 15 दिन में मुकममल कर ली जाएगी। जिसमें अनियमितताओं की रिपोर्ट तैयार करके आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इस बिल्डिंग को 1974 से पहले बनने होने के बाद बिल्डिंग मालिक ने धीरे धीरे इसको बढाया है तथा असैसमेंट में निगम को गलत जानकारियां दी है। जिस पर इसे नोटिस भी निकाले गए थे। फिलहाल पटियाला डिविजनल कमिश्नर जांच कर रहे है। यदि इसमें निगम के किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अनसेफ बिल्डिंगों को भी चेक किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आग लगने के बाद संबंधित लोग निगम फायर अधिकारियों को सहयोग की बजाये आरोप प्रत्यारोप में पड जाते है। यदि वह तुरंत ही फैक्टरी की पूरी जानकारी उसी समय दे दें तो राहत में आसानी हो सकती है। इस केस में भी यदि फैक्टरी मालिक ने फायर टीम को कैमिकल की सही जानकारी दे दी होती तो शायद यह हादसा न होता।

इस मौके पर एनडीआरएफ के सैकेंड इन कमांड शशीचंद्र ने बताया कि एनडीआएफ बाकी टीमों के साथ दिन रात राहत के काम में लगी रही। यहां कैमिकल होने के कारण हादसे वाले दिन से कल रात अढाई बजे तक रेस्कयू आपरेशन खत्म होने तक आग लगी रही। इसी कारण थोडा मुश्किल जरूर आई। उधर, मौके पर ही लापता फायर कर्मियों के परिजनों ने प्रशासन प्रति अपना रौष जाहिर करते हुए कहा कि प्रशासन उन्हें लालीपाप दे रहा है। हमें हमारे बच्चों की चाहें अस्थियां दो लेकिन प्रशासन केवल लीपापोती कर रहा है।

– सुनीलराय कामरेड

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