पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों के मॉड्यूल का खुलासा : बड़ा आतंकी हमला करने की कोशिश - Punjab Kesari
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पंजाब में खालिस्तानी आतंकियों के मॉड्यूल का खुलासा : बड़ा आतंकी हमला करने की कोशिश

कई बार मुंह की खाने के बाद पड़ोसी मुलक पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नही आ रहा।

लुधियाना-अमृतसर : कई बार मुंह की खाने के बाद पड़ोसी मुलक पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नही आ रहा। भारत विशेषकर पंजाब में आतंकी साजिशों को कामयाब करने के लिए हरसंभव प्रयास करता रहता है। उसी के चलते सरहद पार से आतंकियों के आकाओं ने पिछले दिनों ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए एक बड़ी खेप तरनतारन में भेजी थी, जिसे पंजाब पुलिस की खुफियां शाखा स्टेट स्पैशल आ्रपेशन सैल ने सीमावर्ती गांव झब्बाल से ड्रोन के साथ बरामद की है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हथियारों के साथ पकड़े गए खालिस्तानी जिंदाफोर्स के आतंकियों ने अपने आकाओं के इशारे पर ड्रोन को जलाकर खत्म करने की कोशिश की थी किन्तु पूरा ना जल पाने के कारण इसे एक खाली गोदाम में छुपाकर रखा था। फिलहाल फारेंसिक टीम पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन में लगे उपकरणों की जांच कर रही है कि आखिर यह कंटीली तार के पास लगे भारतीय रॉडार की पकड़ में क्यों नहीं आएं।
 
अधिकारियों के मुताबिक पकड़े गए ड्रोन का वजन करीब 10 किलो बताया जा रहा है ओर यह एक चक्कर में 4 से 5 किलो वजन के हथियार को उड़ाकर सरहद के इस पार और उस पार बड़ी आसानी से आ-जा सका है। फिलहाल दबोचे गए 5 आतंकियों से सुरक्षा एजेंसियां यह भी उगालने में लगी हुई है कि सीमावर्ती किन इलाकों से हथियार कितनी बार ड्रोन के माध्यम से आएं है।  सुरक्षा एजेंसियों को चिंता सता रही है कि सरहद पार बैठी आइएसआइ ने जहां 5 के करीब एकेएस 47 राइफले और गोली सिक्का भेजा था वही ड्रोन की सहायता से जाली करंसी भी भेजी गई है। 
अमृतसर के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि अभी तक की गई जांच से स्पष्ट है कि हथियारों की स्मगलिग करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है किंतु ड्रोन से हथियार पंजाब की सरहद से आए है, वह पंजाब पुलिस, बीएसएफ और एयरफोर्स के लिए बड़ा चेलेंज है। यह एक गंभीर मामला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पांचों पकड़े गए आतंकवादियों में से आकाशदीप सिंह उर्फ आकाश रंधावा पुत्र कंवलजीत सिंह ने पूछताछ के दौरान कबूल किया है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी और खालिस्तानी समर्थन रंजीत सिंह नीटा से कई बार उसने फोन के जरिए बात की है। नीटा का नंबर उसे जर्मन में बैठे आतंकी गुरमीत सिंह बगा ने दिया था और बगा के कहने के मुताबिक उसने नीटा के माध्यम से आइएसआइ को हथियार सीमा पार पहुंचाने के लिए सुरक्षित जगह बताई थी। हथियारों की खेप कीे प्राप्ति के लिए लोकेकशन और समय आकाशदीप स्वयं बताता था। 
स्मरण रहे कि पिछले दिनों पंजाब की काउंटर इंटेलीजेंसी विभाग की विशेष टीम ने पाकिस्तान और जर्मनी आधारित समूह के समर्थन के साथ खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स को पुन: पंजाब में पुर्नजीवित करने की कोशिशों का पर्दाफाश करते हुए 4 आतंकियों को काबू किया था, जिनमें 45 वर्षीय बलवंत सिंह बाबा उर्फ निहंग, आकाशदीप सिंह , हरभजन सिंह और बलबीर सिंह शामिल थे, जिनसे पुलिस ने चौला साहिब के पास लिंक रोड़ पर 5 के करीब ए. के. एस- 47 राइफलें, पिस्तौल और सेटीलाइट फोन समेत हैंड ग्रेनेड बरामद किए थे। 
रिमांड के दौरान पूछताछ में आतंकी आकाशदीप सिंह और उसके साथियों ने ड्रोन और इससे भेजे गए हथियारों के बारे में राज खोला। आतंकियों ने हथियार मिलने के बाद ड्रोन को जलाने का प्रयास किया था। इसके बाद एसएसओसी की टीम ने यह अधजला ड्रोन एक गोदाम से बरामद किया। एसएसओसी के एक अधिकारी के अनुसार ड्रोन को जांच के लिए फॉरेंसिक टीम के हवाले कर दिया गया है। जांच में यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि  आइएसआइ की ओर से भेजे गए इस ड्रोन में किस तरह के उपकरण फिट किए गए थे। 
– सुनीलराय कामरेड

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