हाथ से जलकुंभी हटाकर चलानी पड़ती है कश्ती : प्रिंसिपल - Punjab Kesari
Girl in a jacket

हाथ से जलकुंभी हटाकर चलानी पड़ती है कश्ती : प्रिंसिपल

NULL

लुधियाना- फिरोजपुर : पहाड़ों पर बारिश होने से सतलुज दरिया का जलस्तर बढऩे के साथ ही जलकुंभी बहुत एकत्र हो गई है। दरिया पार कर स्कूल पहुंचने वाले विद्यार्थियों को कश्ती चलाने में तमाम दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें पहले जलकुंभी अलग कर रास्ता बनाना पड़ता है तब कश्ती आगे बढ़ती है। भारत-पाक सीमा से कुछ ही दूर स्थित गट्टी राजोके सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल डा. सतिंदर सिंह कहते हैं कि जलकुंभी बच्चों के लिए काफी बाधा बनी हुई है।

सीमांत गांव कालू वाला भारत-पाक सीमा से सटा है और तीन तरफ से सतलुज दरिया से घिरा है। इन दिनों यहां से गांव गट्टी राजोके स्थित स्कूल में पढऩे के लिए आने वाले बच्चे दरिया बहुत ही मुश्किल से पार करते हैं। दरिया में जलकुंभी बहुत है। जलकुंभी में किश्ती चल नहीं पाती है। विद्यार्थियों का कहना है कि किश्ती की हालत भी बहुत खस्ता है।

स्कूल के प्रिंसिपल डा. सतिंदर सिंह कहते हैं कि दरिया पार कर स्कूल आने वाले बच्चे कभी लेट भी हो जाते हैं तो उन्हें कुछ नहीं कहा जाता है बल्कि उन्हें पढ़ाई के लिए पूरा समय दिया जाता है। सिंह कहते हैं कि सीमांत गांव के बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखाने के लिए रोजाना पांच शब्द याद करने को दिए जाते हैं ताकि सीमांत गांव के बच्चे भी अंग्रेजी बोलना सीख सके। एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि शहरी बच्चों की तुलना में सीमांत बच्चों को बहुत कुछ सीखना है, स्कूल में आने वाले अधिकांश बच्चे न तो ब्रश करके आते हैं और न ही नहाते हैं।

गांव में गरीबी बहुत है। जबकि बच्चे मेहनती हैं। सिंह ने कहा कि किसी संस्था से संपर्क कर रहे हैं ताकि सभी बच्चों को ब्रश लेकर बच्चों को बांटे जा सके। मिड-डे-मील सीमांत गांव के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। सिंह कहते हैं कि शहरी सरकारी स्कूलों की तुलना में सीमांत गांव के सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील बहुत जरूरी है। सीमांत गांवों में पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है। सिंह ने बताया कि किसी संस्था से मिलकर स्कूल में दो बड़े आरओ लगवाएं हैं ताकि बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिल सके।

– सुनीलराय कामरेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × 5 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।