पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना
भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल ने रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा के लिए पंजाब के फंड का इस्तेमाल करने के बजाय बजट पर बारीकी से नज़र डालनी चाहिए। उनकी यह टिप्पणी सीएम मान के इस दावे के बीच आई है कि हाल ही में घोषित केंद्रीय बजट में “एक बार फिर पंजाब के युवाओं और किसानों की अनदेखी की गई है।” जगदंबिका पाल ने मिडिया से कहा, भगवंत मान को पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति के बारे में चिंता करनी चाहिए।
किसानों को एमएसपी बढ़ाने की मांग
वह अरविंद केजरीवाल के लिए पंजाब की सुरक्षा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहां की सरकार भ्रष्टाचार में व्यस्त है। अगर वह बजट देखेंगे, तो उन्हें पंजाब के विकास के लिए किए गए कामों का पता चलेगा। 1 फरवरी को पंजाब के सीएम ने एक्स पर एक पोस्ट में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य की मांगें पूरी नहीं की गई हैं। सीएम मान की पोस्ट में लिखा है, केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में एक बार फिर पंजाब की अनदेखी की गई है। केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों और युवाओं को कुछ नहीं दिया है। किसानों को एमएसपी बढ़ाने की मांग का हवाला देते हुए उनकी पोस्ट में कहा गया है, केंद्र ने न तो किसानों को फसलों पर एमएसपी दी है और न ही राज्य को उद्योग के लिए कोई पैकेज दिया है। पंजाब को ऐसा कुछ भी नहीं दिया गया है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और भविष्य में सुधार हो सके।
केंद्रीय बजट में वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत
केंद्रीय बजट को “चुनावी बजट” बताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के कारण ही विभिन्न योजनाओं का फोकस बिहार पर रहा है। उन्होंने कहा, यह बजट केवल चुनावी बजट है, जिसमें केवल बिहार राज्य के लिए घोषणाएं हैं। एक बार फिर केंद्र सरकार ने बजट में पंजाब और पंजाबियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। लेकिन हम अपने बल पर पंजाब को अपने पैरों पर खड़ा करेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में वेतनभोगी वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। बजट में एक लाख रुपये तक की औसत मासिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा। बजट में घरेलू बचत और खपत को बढ़ावा देने के साथ ही विकास के चार इंजनों – कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात पर जोर दिया गया है। कर राहत पर वित्त मंत्री की घोषणा का मतलब है कि वेतनभोगी वर्ग 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देगा।