लुधियाना-जेतो : पंजाब में दो दिन से लगातार पड़ रही छमाछम बारिश ने पटियाला, बठिण्डा समेत कई इलाकों में जहां भारी नुकसान पहुंचाया है वही जेतों मंडी में स्थित देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की यादगार वाली जेल की कोठरी की छत गिरने का समाचार मिला है। इसके अतिरिक्त दूसरी बिल्डिंगों का हिस्सा भी किसी भी वक्त गिर सकने का अंदेशा बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि जेतों के इतिहासिक मोर्चे के दौरान पटियाला और नाभा रियासत के बाहरी झगड़े के तौर पर अस्तित्व में आएं क्योंकि अंग्रेजी हुकूमत पहले ही इसी ताक में थी कि नाभा रियासत के महाराजा रिपू दमन सिंह के विरूद्ध कोई कार्यवाही करके उसको अंग्रेजी हुकूमत का प्रभाव कबूल करने के लिए मजबूर किया जा सके। अंग्रेजी हुकूमत ने दोनों रियासतों के मध्य कूदकर होशियारी के साथ दोनों महाराजों से फैसला करवाकर अधिकार प्राप्त कर लिए।
हकू मत को ऐसा अधिकार देना ही महाराजाओं को महंगा पड़ा, इस संबंध में जानकारी देते पंजाब प्रदेश कमेटी के महासचिव पवन गोयल ने बताया कि उक्त स्थिति संबंधित पंजाब सरकार और जिले के उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है। इलाके के लोगों ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार से मांग की है कि नेहरू की यादगार को बचाने के लिए उचित कदम उठाएं जाएं और ठेकेदारों द्वारा किए गए कामों की जांच की जाएं।
स्मरण रहे कि जेतों की इसी कोठरी में पंडित जवाहर लाल नेहरू समेत पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह और देश के असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों ने समय-समय पर अंग्रेजी हुकूमत के विरूद्ध इसी स्थान से आवाज बुलंद की थी और जेतों मोर्चे का अपना ही इतिहासिक महत्व है।
– सुनीलराय कामरेड