बरनाला में किसानों की विशाल रैली, जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सरकार को घेरा - Punjab Kesari
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बरनाला में किसानों की विशाल रैली, जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सरकार को घेरा

किसानों के खिलाफ काम कर रही है सरकार: डल्लेवाल

आमरण अनशन समाप्त करने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बरनाला में एक विशाल किसान रैली का आयोजन किया। इस रैली में हजारों की संख्या में किसानों ने भाग लिया। रैली को संबोधित करते हुए डल्लेवाल ने पंजाब सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। इस रैली में काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़ और युवा किसान नेता प्रीतपाल सिंह भी मौजूद रहे। उन्होंने किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। क‍िसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने इस अवसर पर कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल ने देश भर के किसानों की आवाज को मजबूती से उठाया है और उन्होंने अपने आमरण अनशन को खत्म करने के बाद किसान रैलियों का सिलसिला शुरू कर दिया है।

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जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि आमरण अनशन और शांतिपूर्ण संघर्ष को पुलिस बल द्वारा बलपूर्वक दबा दिया गया। किसानों की ट्रालियां चुराने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय, किसानों के खिलाफ ही मामले दर्ज किए गए। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि पंजाब सरकार किसानों के खिलाफ काम कर रही है। दिल्ली आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा मानी गई मांगों को लागू करने के बजाय 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच के दौरान हरियाणा की भाजपा सरकार ने किसानों के खिलाफ अत्याचार किए। सड़कों पर दीवारें बनाई गईं, गड्ढे खोद दिए गए और किसानों पर आंसू गैस, रासायनिक गैस और मोर्टार इंजेक्टर से हमला किया गया।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के इशारे पर पुलिस ने प्रीतपाल सिंह को घायल किया। 13 फरवरी से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन किया जा रहा था, लेकिन पंजाब सरकार ने इन किसानों की पीठ में छुरा घोंपते हुए उन्हें गिरफ्तार किया और पुलिस ने उनकी संपत्ति को लूटा। जब पंजाब सरकार ने किसानों पर हमला किया और हजारों पुलिस बल भेजकर उन्हें गिरफ्तार किया, तो पुलिस की जिम्मेदारी थी कि वह किसानों की संपत्ति की रक्षा करे, क्योंकि वह सब पुलिस प्रशासन की निगरानी में था। लेकिन इसके बजाय, पुलिस प्रशासन ने किसानों की ट्रालियां चुराने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और उल्टे किसानों के खिलाफ ही मामले दर्ज किए।

उन्होंने कहा कि यह सब कुछ पंजाब सरकार की मिलीभगत से हुआ है और यह कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। “किसानों को हुए नुकसान की एक-एक पाई पंजाब सरकार से ली जाएगी। मेरी जिंदगी मेरे लोगों की अमानत है और मैं अपनी आखिरी सांस तक उनके हक के लिए लड़ता रहूंगा। डल्लेवाल ने आगे कहा कि किसानों के आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही है कि अब एमएसपी गारंटी कानून का मुद्दा संसद में उठ चुका है और विपक्षी दल इस पर केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं।

काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार ने 19 मार्च के बाद किसानों के दमन का सिलसिला शुरू कर दिया। “जगजीत सिंह डल्‍लेवाल को गिरफ्तार किया गया और 10 दिन तक पानी तक नहीं पिया। लेकिन इसके बाद पंजाब सरकार को अपनी गलतियों का अहसास हुआ और सभी नेताओं को रिहा किया गया। उन्होंने आगे कहा कि इस रैली के बाद, बठिंडा, मानसा, संगरूर और बरनाला से किसान धनौला की अनाज मंडी में एकत्र हुए और आगामी दिनों में पंजाब भर में जिला और ब्लॉक स्तर पर किसान रैलियों का आयोजन किया जाएगा।

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