लुधियाना-अमृतसर : सिखों की सर्वोच्च सुपरीमकोर्ट का दर्जा रखने वाली अमृतसर साहिब स्थित धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा ‘ तनखाईया ’ घोषित किए जा चुके 115 साल पुरानी पंथक संस्था चीफ खालसा दीवान के पूर्व 88 वर्षीय प्रधान चरणजीत सिंहचड्ढा को श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर घर के लिए दूध स्टोर करने वाली कैंडी मशीन भेंट करने पर प्रबंधकों ने गुरू घर की बख्शीश कहे जाने वाली सिरोपा देकर सम्मानित किया, जबकि श्री अकाल तख्त साहिब से घोषित किए गए गुरु घर के तनखाईयों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित नहीं किया सकता।
हालांकि ‘ तनखाईया ’ करार दिए जाने के वक्त श्री अकाल तख्त के सिंह साहिबान जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन ने सिख पंथ को चरणजीत सिंह चडढा से रोटी और बोटी से तमाम प्रकार के रिश्ते तोडऩे की हिदायत देते हुए चडढा पर सिख धर्म में किसी भी प्रकार की गतिविधियों पर पाबंदी लगाने का हुकम सुनाया था। पिछले दिनों श्री गुरु रामदास लंगर के प्रबंधकों की ओर से सिरोपा देकर सम्मानित किए जाने की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायल हुई है, जिस को लेकर एसजीपीसी गलियारों समेत सिख पंथ में भौहे तनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक गत दिवस चरणजीत सिंह चड्ढा अपनी पत्नी हरबंस कौर के साथ श्री गुरु राम दास लंगर घर के लिए दूध को गर्मी में संभालने के लिए 800 लीटर वाली एक मशीन भेंट करने के लिए गए थे। इस दौरान उनको वहां के प्रबंधकों की ओर से सिरोपा देकर सम्मानित कर दिया गया। जो कि श्री अकाल तख्त साहिब से चड्ढा के खिलाफ जारी हुए आदेशों का उल्लंघन है। जबकि लंगर श्री गुरु राम दास की 24 घंटे निगरानी के लिए मैनेजेर मनङ्क्षजदर सिंह मंड के साथ दो एडिशनल मैनेजर हरप्रीत सिंह व सतनाम सिंह तैनात रहते हैं। जब चड्ढा को सिरोपा दिया गया था तो उस वक्त लंगर के इंचार्ज गुरप्रीत सिंह गोपी भी मौजूद थे।
सीकेडी के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह चड्ढा की एक महिला प्रिंसिपल के साथ अश्लील हरकतें करते हुए सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड हुई एक वीडियो वायल हुई थी। जिस के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों पर चरणजीत सिंह चड्ढा को सीकेडी के अध्यक्ष पद से उतार दिया गया था। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने 23 जनवरी 2018 को श्री अकाल तख्त साहिब से आदेश जारी करके चरणजीत सिंह चड्ढा को दो वर्षों के लिए धार्मिक व समाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने व इन का प्रतिनिधित्व करने पर भी रोक लगाते हुए तनखाईया एलान कर दिया था।
इस सबंध में जब एसजीपीसी के अलग अलग अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने चुप्पी धारण कर ली और खबर न लगाने के लिए भी कहना शुरू कर दिया। मामले को लेकर जब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चड्ढा के ऊपर दो वर्षों के लिए धार्मिक व समाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए रोक लगाई है। चड्डा श्री अकाल तख्त साहिब से तनखाईया घोषित है। इस लिए परपंरा के अनुसार उनको सिरोपा नहीं दिया जा सकता। जिन लोंगों ने सिरोपा दिया है उनके खिलाफ भी धार्मिक कार्रवाई बनती है।
– सुनीलराय कामरेड
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