लुधियाना-अमृतसर : हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी ने भारत के राष्ट्रपति और देश के मुख्य चुनाव आयोग से मांग की है कि लोक सभा में हिस्सा लेने वाली राजनीतिक पार्टियों की ओर से जो अपने चुनावी घोषणा पत्र जनता को सुविधाएं देने के लिए जारी किए जाते है उनको कानूनी दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाए। ताकि वायदे करने के बाद राजनीतिक दल अपने किए हुए चनावी वायदों से भाग न सकें। इस को लेकर हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी की ओर से देश के राष्ट्रपति, मुख्य चुनाव आयोग और राज्यों के चुनाव अधिकारियों को पत्र भेजे जा रहे है।
हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी के अध्यक्ष गगन भाटिया और महामंत्री राजविंदर राजा ने कहा कि प्रत्येक राजनीतिक दल चुनावों के दौरान बहुत बड़े बड़े चुनावी वायदे लोगों से वोट लेने के लिए करते है।
परंतु चुनाव जीत कर सत्ता में आने के बाद जनता के साथ किए हुए वायदों को पूरा नहीं किया जाता। लोक पांच वर्षों तक सत्ताधारी पार्टी की ओर से किए गए वायदों को याद पार्टी के नेताओं , विधायकों और सांसदों को याद करवाते रहते है। पांच वर्षों तक सत्ता का सुख भोगने के बावजूद भी सत्ताधारी पार्टियों की ओर से वायदे न पूरे करके देश की जनता भी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने टाइम पत्रिका के बहाने मोदी पर निशाना साधा
हिन्दू महासभा नेता ने कहा कि देश में कानून है कि अगर कोई व्यक्ति किसी समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। परंतु देश के सब से बड़े लोकतांत्रिक पर्व लोक सभा चुनावों के दौरान हर छोटी बड़ी पार्टी लोगों की भावनाओं को कैश करने के लिए मन लुभावने वायदें करती हुए अपने अपने चुनावाी घोषणा पत्र जारी करती है। इन्ही चुनावी घोषणा पत्रों को जन सभाओं में और घर घर जा कर प्रचारित करते हुए वोट मांगी जाती है। लोग राजनीतिक दलों की नेताओं की ओर से चुनावी घोषणा पत्रों में किए गए वायदों को मुख्य रख व किए गए वायदों की भावानों में आ कर उनको वोट दे देते है। परंतु देश के लोगों की भावनाओं को उस वक्त गहरी ठेस पहुंचती है जब राजनीतिक दल चुनाव जीतने और सत्ता का सुख भोगने के बावजूद भी चुनावों के दौरान किए गए वायदों को पूरा नहीं करते।
अगर देश के राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के चुनावाी घोषणा पत्रों को कानूनी दस्तावेजों के रूप में लें तो कोई भी राजनीतिक दल लोगों को गुमराह करते हुए न तो झूठे वायदे करेगा और नही देश के कारोड़ों वोटरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सकेगा। क्योंकि अगर चुनावी घोषणा पत्रों को कानूनी दस्तावेज स्वीकार कर लिया जाता है तो इस राजनीतिक दल सत्ता हासिल करने के बाद अपने एलान किए हुए चुनावी घोषणा पत्रों के अनुसार काम करने के लिए पाबंद होंगे। उन्होंने कहा कि हिन्दू महासभा इस मुद्दे को अभियान के रूप में देश भर में चलाएगी और देश वासियों को जागृत करेगी
– सुनीलराय कामरेड