दिल दिहलाने वाले हैं किसान-मजदूरों की आत्महत्याओं के आंकड़े - आप - Punjab Kesari
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दिल दिहलाने वाले हैं किसान-मजदूरों की आत्महत्याओं के आंकड़े – आप

कर्जे का असह्य बोझ और बेहद बुरी वित्तीय स्थिति के कारण आत्महत्याएं कर रहे पंजाब के किसानों और

लुधियाना : कर्जे का असह्य बोझ और बेहद बुरी वित्तीय स्थिति के कारण आत्महत्याएं कर रहे पंजाब के किसानों और मजदूरों के बारे में भारतीय किसान यूनियन की तरफ से जारी संख्या रिपोर्ट पर गहरी चिंता जताते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने ऐसे हालातों के लिए मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को सब से बड़ा गुनाहगार कहा है। आप ने कैप्टन सरकार से किसान संगठन की तरफ से जारी आंकड़ों से सम्बन्धित स्पष्टीकरण मांगा है।

आप मुख्य दफ्तर द्वारा जारी प्रैस ब्यान में पार्टी के सूबा सह प्रधान डा. बलबीर सिंह, जोन प्रधान कुलदीप सिंह धालीवाल, दलबीर सिंह ढिल्लों, डा. रवजोत सिंह और गुरदित्त सिंह सेखों ने कहा कि किसानां और मज़दूरों की तरफ से जारी आत्महत्याओं के अंकड़ों के लिए केंद्र की नरिन्दर मोदी और सूबे की पहले बादल और अब कैप्टन सरकार की खेत विरोधी नीतियां और बेरुखी वाली पहुंच मुख्य कारण है।

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डा. बलबीर सिंह ने कहा कि कैप्टन सरकार के मौजूदा कार्यकाल दौरान साढ़े 700 से अधिक किसान और मज़दूरों की तरफ से आत्महत्याओं की संख्या सुन्न करने वाला है, जिस में सिर्फ अगस्त महीने की संख्या 48 है। आप नेताओं ने कहा कि किसान यूनियन की ताज़ा रिपोर्ट रोजमर्रा के अखबारों में छपती खबरें और जमीनी स्तर की हकीकत मुताबिक यह संख्या ओर भी अधिक हो सकती है, मूकदर्शक बन कर अन्न दाता की मौत का तमाशा देख रही कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार को इन आत्म हत्याओं पर चूप्पी तोडऩी चाहिए। डा. बलबीर सिंह ने कहा कि ओर तेज़ हुए आत्महत्याओं के बुरे रुझान ने कैप्टन सरकार की तरफ से लाखों रुपए खर्च कर आयोजित किये जा रहे अखौती कर्ज माफी समागमों की फूंक निकाल दी है।

आप नेताओं ने कहा कि चुनावों के दौरान किसानों-मज़दूरों के समूचे कर्जे माफ करने वाले लिखित वायदे करने वाले कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों -मज़दूरों की पीठ में छुरा मारा है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह मुख्य मंत्री बन कर किसानों समेत सभी वर्गों के साथ किये वायदे से मुकर गए हैं। डा. बलबीर सिंह ने कहा कि किसानों -मज़दूरों के साथ धोखा सिर्फ कांग्रेस ने नहीं बल्कि अकाली -भाजपा ने भी जी भर कर किया है। अकाली दल बादल की हिस्सेदार नरिन्दर मोदी सरकार डा. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू के वायदे से बिल्कुल ही मुकर गई।

महंगाई, जीएसटी और खेती सबसिडियों समेत किसानी कर्जे के बारे में मोदी सरकार की असंवेदनशील पहुंच ने किसानों और खेत मजदूरों की कमर तोड़ दी है। आप ने किसानों-मज़दूरों समेत सभी वर्गों को आह्वान किया है कि वह वायदा खिलाफी करने वाले अकाली -भाजपा और कांग्रेस को हर चुनाव में मुंह तोड़ जवाब दें।

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