GST Impact : 80 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट्स का काम ठप्प होने का दावा - Punjab Kesari
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GST Impact : 80 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट्स का काम ठप्प होने का दावा

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लुधियाना  : केंद्र सरकार द्वारा एक देश एक टैक्स के तहत 1 जुलाई से पूरे भारत वर्ष में जीएसटी तो लागू कर दिया गया है लेकिन इसके लागू होने के साथ ही जहां इंडस्ट्री-टे्रड के एक हिस्से द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है, वहीं इसकी जानकारी के आभाव में व्यापारी व उद्यमी परेशान हो रहे है। इसका सीधा असर दूसरे कारोबार पर भी पड़ रहा है। जिसमें ट्रांसपोर्ट कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ट्रांसपोर्टों की मानें तो जीएसटी लगने के बाद से अस्सी प्रतिशत काम ठप्प हो गया है। इंडस्ट्री-ट्रेड कुछ समझ न आने की बात कह कर बिल नहीं काट रही है तथा ट्रक के पहिये खड़े होने से उनको अब आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

औद्योगिक नगरी लुधियाना के ट्रांसपोर्ट नगर में लाइनों में खडे असंखय ट्रक और इसमें परेशान बैठे ड्राइवर..यह ट्रक ड्राइवरों या ट्रांसपोर्टों द्वारा किये गए किसी चक्का जाम का दृश्य नहीं है बल्कि देश में जीएसटी लागू होने के बाद कारोबार का पहिया यकायक थमने से प्रभावित हुए ट्रकों के भी जाम हुए चक्कों के हालात है। ट्रांसपोर्ट नेताओं के अनुसार देश में एक जुलाई को जीएसटी लागू होने के बाद से ही यहां यह हालात है। हमें जीएसटी लागू होने से कारोबार के बढने की उम्मीद थी। लेकिन पहले से जारी मंदी के उल्ट अस्सी प्रतिशत ट्रांसपोर्ट का कारोबार ठप्प पड चुका है। इससे पूर्व जुलाई माह हमारे लिए फुल सीजन माना जाता रहा है। हम यहां साइकिल, हौजरी व दूसरी तरफ से भी सामान का आवागमन चलता रहता था लेकिन अब जीएसटी के बाद इंडस्ट्री-ट्रेड माल नहीं भेज रही है तथा उनका कहना है कि उनके द्वारा बिल नहीं काटे जा रहे है।

ट्रांसपोर्ट नेता जगदीश सिंह जस्सौवाल के अनुसार कई व्यापारियों का कहना है कि उन्हें तो अभी जीएसटी नंबर ही नहीं मिले है। ऐसे में वो बिल कैसे काटे। इसके अलावा वे जीएसटी को समझने की बातें कह रहे है। अभी इसमें पंद्रह बीस दिन और लगने की बातें कही जा रही है। जिसमें एक महीने से भी अधिक समय लगने की आशंका है।

ट्रांसपोर्ट नेता के अनुसार आर्डर न होने के कारण अस्सी फीसदी ट्रकों के पहिये जाम हो चुके है। सैलरी, किश्तें व अन्य खर्चे ज्यों के त्यों है जबकि मंदी के बाद अब बिल्कुल बर्बादी वाला माहौल बन गया है। जिससे ट्रक आपरेटर्स बेहद परेशान है। केवल लोकल काम ही हो रहा है। यदि जल्द जीएसटी को लेकर इंडस्ट्री-ट्रेड की समस्या हल न हुई तो हालात और बिगड़ सकते है।

– सुनीलराय कामरेड

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