ब्लू व्हेल गेम की अंतिम टास्क के दौरान आत्महत्या कर रही लड़की को जालंधर में बचाया गया - Punjab Kesari
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ब्लू व्हेल गेम की अंतिम टास्क के दौरान आत्महत्या कर रही लड़की को जालंधर में बचाया गया

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लुधियाना-जालंधर : देशभर में खतरनाक खेल ब्लू व्हेल गेम के जहां अनगिनित नौजवान और बच्चे तेजी से शिकार हो रहे है वही आज जालंधर केंट के नजदीक पड़ते धन्नोवाली रेलवे फाटक पर रेलवे ट्रैक पर एक नौजवान युवती को लोगों ने खुदकुशी करते हुए रोक लिया। जानकारी के मुताबिक आत्महत्या करने जा रही यह लड़की ब्लू व्हेल गेम का निवाला बनने जा रही थी। बताया यह जा रहा है कि ब्लू व्हेल गेम का आगामी शिकार होने वाली यह लड़की गेम के आखिरी पड़ाव और आखिरी टास्क के तहत ट्रेन के आगे छलांग लगाकर खुदकुशी करने जा रही थी, जिसको वक्त रहते उपस्थित लोगों के चौकन्ने रहते बचा लिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धन्ने वाली फाटक के नजदीक आज सुबह उस समय हलचल पैदा हो गई जब एक अंजान नौजवान युवती को स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक पर इधर-उधर घूमते देखा। बताया यह जा रहा है कि यह लड़की टे्रन की इंतजार में इधर-उधर देख रही थी कि अचानक ट्रेन के आगे छलांग लगाने के इरादे से यह कूदी कि समय रहते लोगों ने उसे बचा लिया। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह लड़की ब्लू व्हेल गेम का टास्क पूरा करने जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार 18 वर्षीय युवती रेल पटरी के पास घूमकर जब खुदकुशी करने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रही थी तो रेलवे गार्ड ने शोर मचाया तो पास से ही गुजर रहे दो युवकों ने उसे बचा लिया। बचाए जाने उपरांत युवती ने उन युवकों पर भड़कते हुए कहा कि मुझे क्यों बचाया, मुझे मर जाने दो.. मेरी गेम को खराब ना करों.. जब पत्रकारों ने उस युवती से उसके परिवार के बारे में पूछा तो वह मीडिया पर ही भड़क गई।

जब बचाई गई युवती को संपर्क पुलिस स्टेशन ले जाया गया तो उसने कोई अन्य कहानी बता दी। पुलिस को दिए गए बयान के मुताबिक युवती संगलसोहल की रहने वाली नवप्रीत है। उसने बताया कि वह एक निजी स्कूल में 10वीं कक्षा की छात्रा है और उसकी बड़ी बहन कुछ दिन पहले ही स्टडी विजा पर विदेश चली गई है। पर वह स्वयं पढ़ाई में कमजोर है जबकि उसकी बहन पढऩे में काफी होशियार है। नवप्रीत ने पुलिस को यह बताया कि हाल ही में हुए पेपर के दौरान उसके नंबर कम आए थे, नतीजा आने पश्चात वह काफी परेशान रहने लगी, आज धन्नेवाली फाटक के पास पहुंची और इधर-उधर घूमने लगी।

इस दौरान लेागों ने उसकी हरकत को देख गाड़ी के नीचे आने से बचा लिया। इस मामले में जीआरपी एसएचओ बलदेव सिंह रंधावा ने कहा कि युवती ने स्वयं ही नंबर कम आने के कारण रेलवे फाटक के पास गई थी। युवती के मुताबिक वह दिमाग हलका करने के लिए वहां घूम रही थी। फिलहाल लोगों का कहना है कि मानसिक तौर पर परेशान रहने वाली युवती रेलवे फाटक के पास घूमने क्यों आएंगी? पुलिस तफतीश में लगी है।

– सुनीलराय कामरेड

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