किसान आंदोलन के समर्थन में अपने पुरस्कार लौटाने के लिये दिल्ली रवाना हुए पूर्व खिलाड़ी - Punjab Kesari
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किसान आंदोलन के समर्थन में अपने पुरस्कार लौटाने के लिये दिल्ली रवाना हुए पूर्व खिलाड़ी

पंजाब के कई पूर्व खिलाड़ी तीन कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में अपने

पंजाब के कई पूर्व खिलाड़ी तीन कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में अपने पुरस्कार लौटाने के लिये शनिवार को दिल्ली के लिये रवाना हो गए हैं। इनमें पद्मश्री तथा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित पूर्व खिलाड़ी भी शामिल हैं। 
ये पूर्व खिलाड़ी शनिवार को दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पहुंचकर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलेंगे और रविवार को राष्ट्रपति को अपने पुरस्कार लौटाएंगें। पंजाब और हरियाणा के किसान हाल ही में लागू किये गए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। वे पिछले नौ दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। 
पद्मश्री तथा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित पूर्व पहलवान करतार सिंह ने कहा, ”हम आज दिल्ली के लिये रवाना हो गए हैं और किसानों के प्रदर्शन में शामिल होंगे।” उन्होंने कहा, ”स्वास्थ्य तथा अन्य कारणों के चलते हमारे साथ नहीं जा रहे सज्जन सिंह चीमा जैसे कई पूर्व खिलाड़ियों ने हमें अपने पुरस्कार दे दिये हैं।” 
खेल से जुड़ी इन हस्तियों ने कहा कि उन्होंने पुरस्कार वापसी के लिये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से समय मांगा है। पूर्व हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर ने कहा, ”यदि राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं दिया जाता है, तो हम रविवार को अपने पुरस्कार राष्ट्रपति भवन के बाहर रख आएंगे।” 
दिल्ली के लिये रवाना हुए अन्य पूर्व खिलाड़ियों में ध्यानचंद पुरस्कार से सम्मानित हॉकी ओलंपियन गुरमेल सिंह, अर्जुन पुरस्कार विजेता कबड्डी खिलाड़ी हरदीप सिंह तथा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित भारोत्तोलक तारा सिंह शामिल हैं। 
इससे पहले शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच गुरबख्श सिंह संधू, पद्मश्री से सम्मानित मुक्केबाज कौर सिंह तथा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित मुक्केबाज जयपाल सिंह ने अपने पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया था। गुरबख्श सिंह संधू के कार्यकाल के दौरान भारत ने मुक्केबाजी में पहला ओलंपिक पदक जीता था। 
दरअसल, केन्द्र सरकार ने सितंबर में तीन कृषि कानूनों को मंजूरी दी थी। सरकार का कहना है कि इन कानूनों का मकसद बिचौलियों को खत्म करके किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की अनुमति देकर कृषि क्षेत्र में ”सुधार” लाना है। 
किसानों को चिंता है कि इन कानूनों से उनकी सुरक्षा कवच मानी जानी वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था और मंडियां खत्म हो जाएंगी। सरकार का कहना है कि एमएसपी जारी रहेगी और नए कानूनों से किसानों को अपनी फसल बेचने के और विकल्प उपलब्ध होंगे। 
सरकार और किसानों के बीच इस मुद्दे पर वार्ता जारी है। इस बीच किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का भी आह्वान किया है। 

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।