पंजाब पुलिस की कार्रवाई से नाराज किसान आज आम आदमी पार्टी के नेताओं के घरों का घेराव करेंगे। किसानों का आरोप है कि सरकार ने उन्हें धोखा दिया और बॉर्डर से जबरन हटाया। 17 जिलों में विरोध प्रदर्शन की योजना है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि वह किसानों का समर्थन करते हैं और केंद्र के साथ वार्ता में उनका नेतृत्व करेंगे।
पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को हटा दिया था। पंजाब पुलिस ने बॉर्डर खाली कराने के लिए किसानों को हिरासल में ले लिया था। हालांकि हिरासत में लिए गए अधिकांश किसान नेताओं को रिहा कर दिया गया है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से किसान संगठन पंजाब सरकार के खिलाफ उग्र हो गए हैं। नाराज किसानों ने आज आम आदमी पार्टी के विधायकों और मंत्रियों के घरों का घेराव करके विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार ने उन्हें धोखा दिया और 19 मार्च को पुलिस ने उन्हें शंभू और खनौरी बॉर्डर से जबरन खदेड़ा दिया।
17 जिलों में होगा विरोध प्रदर्शन
सूत्रों ने बताया कि किसान संगठनों की योजना 17 जिलों में विरोध प्रदर्शन करने की है, जो बाद में अन्य जिलों में फैल जाएगा। इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 29 मार्च को कहा था कि वह किसान आंदोलन का समर्थन करते हैं और केंद्र के साथ 4 मई को होने वाली वार्ता में वह खुद किसानों की अगुवाई करेंगे। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए पंजाब के सीएम ने कहा कि विरोध करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है।
क्या बोले भगवंत मान
पंजाब के सीएम ने कहा, ‘मैं शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का पूरा समर्थन करता हूं। अपने अधिकारों के लिए लड़ना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है। मैं 4 मई को केंद्र के साथ होने वाली बैठक में किसानों को व्यक्तिगत रूप से ले जाऊंगा… हम उनके साथ प्यार से पेश आए हैं। उन पर अब तक कोई लाठी या पानी की बौछार नहीं की गई है।’ उन्होंने आगे कहा कि किसानों का विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ है। लेकिन सीमा पर यातायात बाधित होने से राज्य को आर्थिक नुकसान हो रहा था, इसलिए शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली करवाए गए।
‘डल्लेवाल ने अनशन खत्म करवाया’
पंजाब सरकार ने 28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उन्होंने हरियाणा के पास शंभू और खनौरी बॉर्डर से प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया है। पिछले साल 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने 28 मार्च की सुबह सभी गिरफ्तार किसान नेताओं की रिहाई के बाद एक गिलास पानी पिया। इसके बाद पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि डल्लेवाल ने अपना आमरण अनशन तोड़ दिया है।
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