लुधियाना-अटारी : दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह सरना परिवार सहित अटारी-वाघा सरहद के रास्ते पाकिस्तान के लिए रवाना हुए, जहां 9 नवंबर के करतारपुर साहिब स्थित होने वाले करतारपुर लंाघे के उदघाटनी समागम में शमूलियत करेंगे। पाकिस्तान पहुंचने पर पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
पाकिस्तान रवाना होने से पहले स. सरना ने कहा कि करतारपुर लांघा पाकिस्तान के वजीरे-आजम इमरान खां और पंजाब के पूर्व केबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की दोस्ती के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने यह भी कहा कि लांघा खुलवाने के लिए 72 सालों से निरंतर संगत की अरदासों में अहम योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता।
स्मरण रहे कि 31 अक्तूबर को पड़ोसी मुलक पाकिस्तान के उस पार बाबा नानक के जन्म स्थल से जुड़ी पावन धरती को चूमने के लिए दिलोजान से तैयारियों में जुटे परमजीत सिंह सरना को दिल्ली से ननकाना साहिब (पाकिस्तान) जाने वाले नगर कीर्तन के जत्थे के साथ जाने से इमीग्रेशन के अधिकारियों ने किसी पुराने केस का हवाला देकर सीमा पार जाने से रोक दिया था।
जबकि स. परमजीत सिंह सरना देश के विशेषकर दिल्ली- पंजाब और हरियाणा से जुड़ी सिख संगत के बड़े जत्थे की अगुवाई कर रहे थे। इसी संबंध में कुछ माह पहले ही पाकिस्तान में जाकर हुकमरानों और पाकिस्तान गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों क े साथ बैठकें और बाबा नानक से जुड़े धार्मिक प्रचार-प्रसार समेत भारत से ननकाना साहिब तक नगर कीर्तन ले जाने की इजाजत भी ले रखी थी।
स. परमजीत सिंह सरना 27 अक्तूबर को दिल्ली से ननकाना साहिब अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन लेकर रवाना हुए थे, जहां भारत सरकार के आदेश के उपरांत उन्हें रोक दिया गया था। इस उपरांत स. सरना ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो 4 अक्तूबर को अदालत ने उनको राहत देते हुए पाकिस्तान जाने की इजाजत दी थी। स. सरना ने कहा कि उन्हें एक साजिश के तहत रोका गया था क्योंकि जिस केस का हवाला देकर उन्हें रोका गया था, उसके बाद तो वह कम से कम कई बार पाकिस्तान के अतिरिक्त अन्य देशों के दौरे कर चुके है।
उन्होंने कहा कि 4 नवंबर को पालकी साहिब करतारपुर साहिब में सुशोभित करने वाले समागम में उन्होंने शमूलियत करनी थी। उन्होंने कहा कि उनके पास पालकी साहिब वाली गाड़ी पाकिस्तान में जाने के लिए सरकार द्वारा दी गई इजाजत भी दी लेकिन पालकी साहिब वाली गाड़ी को सरहद के इस पार रोकना साबित करता है कि रोकने और रूकवाने वालों की गुरू साहिब के प्रति कोई श्रद्धा नहीं है।
स. सरना को 9 नवंबर के करतारपुर लांघा के उदघाटनी समारोह में शमूलियत करने के लिए आमंत्रण दिल्ली स्थित पाकितानी शफीर के प्रधानमंत्री जनाब इमरान खां के कार्यालय द्वारा दिया गया। स. सरना ने कहा कि पालकी साहिब मर्यादा के साथ स्थापित कर दी गई है, जिसके लिए पाकिस्तान सरकार, उकाब बोर्ड और पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का धन्यवाद करते है। इस वक्त उनके साथ मनजीत सिंह सरना भी मोजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड