पंजाब : एसआइटी वरिष्ठ सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह का चुनाव कमीशन द्वारा तबादला - Punjab Kesari
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पंजाब : एसआइटी वरिष्ठ सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह का चुनाव कमीशन द्वारा तबादला

2015 के दौरान पंजाब में पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और पुलिस गोलीकांड के बाद

लुधियाना-अजनाला : 2015 के दौरान पंजाब में पावन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और पुलिस गोलीकांड के बाद सुर्खियों में आने वाले फरीदकोट और कोटकपूरा के इलाके बरगाड़ी और बहिबलकलां के मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई विशेष जांच कमेटी (एसआइटी) के वरिष्ठ सदस्य आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह का आज चुनाव कमीशन द्वारा तबादला कर दिया गया है।

उनका यह तबादला शिरोमणि अकाली दल बादल के राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल द्वारा अकालियों के प्रतिनिधि मंडल की शिकायत के उपरांत चुनाव कमीशन ने र्निणय लिया है। स्मरण रहे कि कुंवर विजय प्रताप सिंह द्वारा कड़ी मेहनत के चलते की गई जांच के बाद पंजाब पुलिस के वरिष्ठ खाकी वर्दीधारी आई.जी परमराज सिंह उमरानंगल और एसएसपी चरणजीत शर्मा को गिरफतार किया गया था।

कुंवर विजय प्रताप सिंह को लोकसभा संसदीय चुनावों के दौरान वर्तमान समय में चुनाव आचार संहिता तक चुनावों से संबंधित कोई भी जिम्मेदारी या कोई भी पद ना देने के लिए आदेश दिया गया है। अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल समेत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर कसते शिकंजे को देखते हुए कुंवर विजय प्रताप सिंह पर कांग्रेस की कठपुतली बनने के आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की थी।

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चुनाव कमीशन द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे खत के जरिए कहा है कि कुंवर विजय प्रताप सिंह को कुछ सियासी व्यक्तियों के नाम लेकर सार्वजनिक टिप्पणियां की की थी, जिस कारण चुनाव असल में प्रभावित हो सकते है। इसके साथ ही चुनाव कमीशन ने कुंवर विजय प्रताप ङ्क्षसह के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की है। चुनाव कमीशन ने पंजाब सरकार को यह भी लिखा है कि एसआइटी के अन्य सदस्यों को भी चुनाव होने तक किसी भी प्रकार की टिप्पणियां करने से रोका जाएं।

स्मरण रहे कि इस मामले में कुंवर विजय प्रताप सिंह की सक्रिय अगुवाई में बेअदबी और गोलीकांड के असल दोषियों को दबोचने के लिए दिनरात एक करके जांच तथ्यों पर आधारित की जा रही है।

इस कार्यवाही के दौरान एसआईटी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, फिल्म स्टार अक्षय कुमार, शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल , पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी और अकाली विधायक स. मंतार सिंह बराड़ समेत कई जिम्मेदार व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है और चरणजीत सिंह शर्मा समेत परमराज सिंह उमरानंगल को भी गिरफतार करके सलाखों के पीछे गया है। इसी के चलते शिरेामणि अकाली दल ने समय की नज़ाकत को देखते हुए चुनाव कमीशन की तरफ रूख किया था, जिस पर आज कार्यवाही हुई है।

अकालियों द्वारा चुनाव आयोग पर दबाव बनाने के उददेश्य की भनक लगते ही सत्ताधारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ समेत कई विधायकों ने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी वी करूणा राजू से मिलकर कुंवर विजय प्रताप सिंह को इस जांच से ना हटाने की अपील की थी।

इसी संबंध में 3 दिन पहले कुंवर विजय प्रताप भी चुनाव के मुख्य अधिकारी से मिले थे और बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इतना कहा था कि अगर उनका काम रोका गया तो जांच में नुकसान हो सकता है, फिलहाल चुनाव आयोग के आज के आदेशों से कांगे्रस को बड़ा झटका लगा है। हालांकि अभी तक कांग्रेस समेत कई अन्य पंथक संगठन बरगाड़ी बेअदबी कांड और बहिबल कलां गोली कांड को सियासी मुददा बनाकर चुनाव लड़ रही थी।

– सुनीलराय कामरेड

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