दरबार साहिब के सूचना केंद्र में जाने से रोकने पर स्थिति हुई तनावपूर्ण, एसजीपीसी टास्क फोर्स बनी रूकावट, मुख्य द्वार किया बंद - Punjab Kesari
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दरबार साहिब के सूचना केंद्र में जाने से रोकने पर स्थिति हुई तनावपूर्ण, एसजीपीसी टास्क फोर्स बनी रूकावट, मुख्य द्वार किया बंद

शिरोमणि अकाली दल बादल से बागी हुए माझे के टकसाली अकालियों ने संक्रांति के शुभ अवसर पर श्री

लुधियाना-अमृतसर : शिरोमणि अकाली दल बादल से बागी हुए माझे के टकसाली अकालियों ने संक्रांति के शुभ अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास करने के बाद नई पार्टी ‘शिरोमणि अकाली दल’ (टकसाली) के गठन का ऐलान कर दिया। नई सियासी पार्टी बनाने के अवसर पर हजारों की संख्या में नीली-पीली पगड़ीधारी संगत श्री अकाल तख्त साहिब पर सुबह से ही पहुंची हुई थी। टकसाली अकाली नेताओं के समर्थकों ने सर्व सहमति से प्रस्ताव पारित करके बोले सो निहाल….. की जय घोषों के साथ यहां शिरोमणि अकाली दल टकसाली को पंथक पार्टी होने की मान्यता दी वही वरिष्ठ अकाली नेता और सांसद रंजीत सिह ब्रह्मपुरा को शिरोमणि अकाली दल टकसाली का अध्यक्ष चुन लिया गया।

इस अवसर पर यह भी ऐलान किया गया कि 13 अप्रैल तक शिरोमणि अकाली दल टकसाली का नया सियासी ढांचा, कोर कमेटी, कार्यकारिणी कमेटी और जिला जत्थेदारों के साथ साथ पार्टी के अलग अलग विंगों के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी। नई पार्टी गठन करने के मौके पर अरदास के बाद प्रस्ताव पारित किया गया कि बरगाडी कांड के दोषियों, राज्य में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के दोषियों , डेरा सच्चा सौदा के मुखी को माफी दिलवा कर राज्य के हालातों को खराब करने वालों के खिलाफ पंजाब सरकार सख्त कानूनी एक्शन ले।

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दूसरे प्रस्ताव के माध्यम से सिख गुरुधामों को बादल परिवारों और उनकी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी अकाली दल बादल ग्रुप से मुक्त करवाने का भी संकल्प नई पार्टी के संस्थापकों की ओर से लिया गया। जैसे ही नई पार्टी अकाली दल टकसाली की घोषणा श्री अकाल तख्त साहिब से करके मीडिया के बातचीत करने के लिए माझे के जरनैल कहे जाने वाले टकसाली अकाली नेता रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा और उनके साथी श्री हरिमंदिर साहिब के सूचना केंद्र में पहुंचने लगे तो एसजीपीसी ने वहां बड़ी संख्या में एसजीपीसी की टास्क फोर्स के कर्मीचारी तैनात कर दी ताकि टकसाली अकाली नेता सूचना केंद्र में अंदर न आ सके।

इस दौरान हरिमंदिर साहिब के बाहर स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई, रंजीत सिंह ब्रहमपुरा, रतन सिंह अजनाला और सेवा सिंह सेखवां समेत अन्य आगुओं द्वारा एसजीपीसी की टास्क फोर्स का खुलकर विरोध किया गया और इसी विरोध के स्वर को दबाने के लिए मुख्य सूचना केंद्र के दरवाजे बंद कर दिए गए।

नए अकाली दल के संस्थापकों ने सूचना केंद्र के बाद जमीन पर बैठ कर ही मीडिया के साथ पार्टी की नीतियों संबंधी बातचीत की। बाद दोपहर करीब 12 बजे टकसाली अकाली नेताओं रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा, पूर्व सांसद सदस्य डॉ रतन सिंह अजनाला, पूर्व मंत्री जत्थेदार सेवा सिंह सेखवां के अतिरिक्त पूर्व विधायक उजागर सिंह वडाली, मनमोहन सिंह सठियाला, अमरपाल सिंह बोनी अजनाला आदि के नेतृत्व में दरबार साहिब के बाहर घंटा घर में इक_ा हुए हजारों अकाली समर्थक सतनाम वाहेगुरु का जाप करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचे। जैसे ही अरदास करने के लिए यह नेता श्री अकाल तख्त साहिब के बाहर पहुचे तो वहां वारे गायन कर रहे ढाडियों ने स्पीकर बंद करे माइक उतार लिए और बिजली सप्लाई भी बंद कर ली। इस के चलते टकसाली अकालियो ने अपने हैंड पोर्टेबल माइक सिस्टम के माध्यम से अकाली दल बादल से अलग अलग नई पार्टी बनाने के लिए वाहेगुरु के समक्ष अरदास की।

पूर्व विधायक मनमोहन सिंह सठियाला ने अकाली दल बादल की ओर से पिछले समय के दौरान पंथक रिवायतों के खिलाफ चलने वाली निभाई भूमिका और पंथक मर्यादाओं को तार तार करने वाली नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हुए नए अकाली के गठन के कारणों का खुलासा किया। पूर्व मंत्री सेवा सिह सेखवां की ओर से नए अकाली दल के अध्यक्ष के रूप में संगत के समक्ष वरिष्ठ अकाली नेता रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा का नाम अध्यक्ष पद के लिए पेश किया। पूर्व सांसद व मंत्री रत्न सिंह अजनाला और पूर्व विधायक उजागर सिंह ने रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा के नाम का अध्यक्ष पद के लिए समर्थन किया। इस के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के बाहर मौजूद हजारों श्रद्धालुओं ने जैकारे लगाते हुए दोनों हाथ खड़े करके रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा को नए अकाली दल का अध्यक्ष चुन लिया। इस के बाद अलग अलग अकाली नेताओं ने सिरोपा व तलवार भेंट करके ब्रह्मपुरा को सम्मानित किया। ब्रह्मपुरा ने नई पार्टी का नाम शिरोमणि अकाली दल टकसाली का एलान किया।

संगत ने हाथ खड़े करके पार्टी के नाम को भी समर्थन दिया। रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने नए अकाली दल के विधान और नीतियों का खुलासा करते हुए कहा की उनकी पार्टी सेकुलकर, व डेमोक्रेटिक पार्टी होगी। जो अकाली दल के 1920 में बने संविधान के अनुसार पंजाब की राजनीतिक गतिविधियों में पूरी तरह हिस्स लेगी। पार्टी आने वाले एसजीपीसी चुनावों में हिस्सा लेगी। कांग्रेस और भाजपा से उनकी पार्टी पूरी तरह राजनीतिक दूरी बनाए रखेगी। हम विचारधारा वाले राजनीतिक ग्रुपों से समझौता भी होगा। पार्टी की कार्यकारिणी और कोर कमेटी जो भी भविष्य में राजनीतिक फैसले लेगी उनके अनुसार राजनीतिक व पंथक गतिविधियों में पार्टी पूरी सरगर्मी से हिस्सा लेगी। 13 अप्रैल तक पार्टी राज्य के प्रत्येक गांव तक अपनी पहुंच स्थापित करने यूनिट स्थापित कर लेगी।

– सुनीलराय कामरेड

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