लुधियाना : फिल्म अभिनेताओं के खिलाफ शिकायतें करने के मामले में उस समय लेने के देने पड गए, जब बालीवुड एक्टर सलमान खान व हीरोइन शिल्पा शैट़्टी को लेकर महानगर की अदालत में की गई एक शिकायत में अदालत ने शिकायत को अकारण दाखिल की करार देते हुए उल्टा वकील को ही 10 हजार रूपये जुर्माना ठोक दिया और जुमार्ना अदा करने न करने की सूरत में तीस दिन की सजा का आदेश सुनाया।
यह आदेश माननीय न्यायधीश सुश्री सुमित सभ्रवाल द्वारा सुनाया गया। अपने फैसले में माननीय न्यायधीश ने कहा कि वकील शिकायत में लगाए गए आरोपों को साबित करने में असफल रहा और उपरोक्त शिकायत बिना किसी कारण अदालत में दाखिल की। जिसके मद्दैनजर उन्होंने कडा संज्ञान लेते हुए जहां शिकायत को खारिज कर दिया, वहीं वकील को दस हजार रूपये जुर्माना करते हुए आदेश दिया कि वह 9 अप्रैल तक जिला कानूनी सेवाएं आथार्टी के खाते में दस हजार रूपये जमा करवाएं अन्यथा उसे तीस दिन की सजा भुगतनी होगी।
जातिवाद टिप्पणी के मामले में लुधियाना कोर्ट ने बालीवुड हीरो सलमान खान और अदाकारा शिल्पा शेटटी के विरूद्ध पाटीशन खारिज कर दी। अनुसूचित जाति-अनुसूचित कबीले एक्ट के तहत दोनों अदाकारों के विरूद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई थी। सलमान खान पर आरोप थे कि उन्होंने फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ के प्रमोशन के दौरान एक कार्यक्रम में भंगी शब्द का इस्तेमाल किया था, उनकी पुरानी वीडियो भी वायरल हुई जिसमें सलमान खान ने एक स्टैप करते वक्त हंसते हुए कहा था कि मैं भंगी लगता हूं। उधर शिल्पा शेटटी ने भी एक भेंटवार्ता के दौरान अपने फैशन च्वाइज के बारे में बोलते हुए इन्ही शब्दों का इस्तेमाल किया था।
लुधियाना की अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के खिलाफ केस दायर करने वाले एडवोकेट नरिंदर आदिया ने इन दोनों पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था। उपरोक्त शिकायत में उसने आरोप लगाया था कि वह पेशे से वकील है और 1994 से वकालत करता आ रहा है तथा वाल्मीकि जाति से संबंध रखता है।
अदालत में शिकायतकर्ता वकील ने खुद के अलावा दो अन्य गवाह करवाए थे। जिस पर अदालत ने मामला सलमान खान व शिल्पा शैट्टी को समन करने या न करने पर बहस करने के लिए रख दिया था। वकील द्वारा इस पर अपनी बहस किए जाने के बाद न्यायधीश ने गत 27 मार्च को दिए अपने फैसले में ठहराया कि वकील शिकायत में लगाए गए आरोपों को साबित करने में असफल रहा और उपरोक्त शिकायत बिना किसी कारण अदालत में दाखिल की। जिसके मद्दैनजर उन्होंने कडा संज्ञान लेते हुए जहां शिकायत को खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि एडवोकेट आदिया ने ज्युडीशियल मजिस्ट्रेट मैडम सुमित सभरवाल की अदालत में इसी वर्ष की शुरुआत में यह केस दायर किया था। वकील ने बताया कि उन्होंने दस हजार रूपये जुर्माने की राशी जमा करवा दी है और अब वो अपने साथी वकीलों के साथ मशवरा करने के बाद इस आदेश के खिलाफ सैशन कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।
– रीना अरोड़ा
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