Punjab News: सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बावजूद पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं सामने आईं है। इस मुद्दे पर पर्याप्त कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए दोनों राज्य सरकारों की सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बावजूद हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में पराली जलाने की कई घटनाएं देखी गईं।
पंजाब, हरियाणा में जलाई गई पराली
शुक्रवार को कैथल जिले और करनाल-जींद रोड इलाके में पराली जलाने की घटनाएं देखी गईं। इसी तरह अमृतसर के हरदो पुतली गांव और पंजाब के बरनाला के हंडियाया गांव में भी पराली जलती देखी गई। पराली जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि का मुद्दा खेत के खेतों में फसल के अवशेषों को जलाने की प्रथा है, जिससे बड़े पैमाने पर धुआं निकलता है जो वायु की गुणवत्ता के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी आलोचना
सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर को राज्यों में पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई करने में विफलता के लिए हरियाणा और पंजाब सरकारों की आलोचना की और कहा कि स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना सभी नागरिकों का मौलिक अधिकार है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने पराली जलाने के लिए व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और कुछ मामलों में केवल नाममात्र के उद्देश्य से पराली जलाने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकारों पर कड़ी आपत्ति जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
पीठ ने कहा कि अगर पंजाब और हरियाणा सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखतीं तो कम से कम एक मुकदमा तो होता।शीर्ष अदालत शहर में वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी।शीर्ष अदालत ने वायु प्रदूषण मामले को दिवाली के बाद स्थगित करते हुए कहा कि वह दिल्ली में परिवहन, दिल्ली और परिधीय उद्योगों, भारी ट्रकों के प्रवेश और खुले में कचरा जलाने से उत्पन्न प्रदूषण के मुद्दों पर गौर करेगी।
(Input From ANI)