पंजाब के कपूरथला जिले के फगवाड़ शहर में गत लगभग दो माह से अपने पांव पसार रहा डेंगू अब अपना खौफ दिखाने लगा है और इसने कल शाम एक शिक्षिका की जान ले ली। शिक्षिका की शिनाख्त स्थानीय मेहली गेट निवासी पूजा ढंड के रूप में की गई है। वह एक स्थानीय कॉन्वेंट स्कूल में विज्ञान की शिक्षिका थी। उसका सबसे पहले शहर के एक निजी अस्पताल में ईलाज चल रहा था तथा हालत गम्भीर होने पर कुछ दिन पहले ही लुधियाना स्थित डीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां कल शाम उसने अंतिम सांस ली।
अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी(एसएमओ) दविंदर सिंह ने मौत की पुष्ट करते हुये बताया कि पूजा को कुछ दिन पहले ही गम्भीर हालत में डीएमसी अस्पताल लाया गया था। शहर में डेंगू से सम्भवत: इस सीजन में यह पहली मौत है जिससे स्थानीय प्रशासन के हाथ पांव फूल गये हैं। आधिकारिक आंकड़ के अनुसार अकेले फगवाड़ में ही डेंगू के 156 मामले पॉत्रिटिव पाये गये हैं। लेकिन अपुष्ट आंकड़ के अनुसार शहर में गत लगभग दो माह में डेंगू के लगभग 1000 संदिग्ध मामले हैं जो रिपोर्ट नहीं हुये हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने गत 30 सितम्बर तथा गत वीरवार को जिला उपायुक्त मोहम्मद तय्यब ने भी शहर का दौरा किया था लेकिन ये दौरे भी महज औपचारिकता ही साबित हुये क्योंकि न तो स्थानीय प्रशासन अथवा नगर निगम तथा स्वास्थय विभाग ने डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिये कोई कदम उठाए। विश्ववस्त सूत्रों के अनुसार स्थानीय सिविल अस्पताल में न तो नियमित माइक्रोबॉयोलोजिस्ट है और न ही ब्लड सैल सैपरेटर है।
एसएमओ के अनुसार यह मशीन जिला मुख्यालय से मंगाई गई थी लेकिन किन्हीं कारणों से यह चली नहीं। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल के एकांत वार्ड में इस समय डेंगू के पांच संदिग्ध रोगी भर्ती हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने आसपास के क्षेत्र में सफाई रखें तथा पानी न जमा होने दें। उन्होंने बताया कि कोई भी बुखार होने की स्थिति में तुरंत सरकार अस्पताल जाएं जहां जांच और ईलाज निशुल्क है। उन्होंने कहा कि डेंगू का पूर्णतया ईलाज सम्भव है तथा इसमें लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने निजी क्लीनिकों और अस्पतालों से भी अनुरोध किया कि डेंगू का कोई भी संदिग्ध मामला आने पर वे इसके बारे में स्वास्थय विभाग को अवश्य सूचित करें।